नयी दिल्ली। भारत ने संचार उपग्रह जीसैट 30 का फ्रेंच गुयाना से एरियन 5 का गुरुवार देर रात सफल लॉन्च किया। यह सैटेलाइट उच्च गुणवत्ता वाली टेलीविजन, दूरसंचार एवं प्रसारण सेवाएं मुहैया कराएगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि जीसैट-30 सैटेलाइट ने भारतीय समयानुसार देर रात दो बजकर 35 मिनट पर दक्षिण अमेरिका के उत्तरपूर्वी तट पर फ्रांसीसी क्षेत्र कौरो के एरियर प्रक्षेपण परिसर से उड़ान भरी।

 

GSAT -30 इसरो द्वारा डिजाइन किया हुआ और बनाया गया एक दूरसंचार उपग्रह है। यह इनसैट सैटेलाइट की जगह काम करेगा। इससे राज्य-संचालित और निजी सेवा प्रदाताओं को संचार लिंक प्रदान करने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी। 

 

इसका का वजन करीब 3100 किलोग्राम है। यह लॉन्चिंग के बाद 15 सालों तक काम करता रहेगा। इसे जियो-इलिप्टिकल ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। इसमें दो सोलर पैनल होंगे और बैटरी होगी जिससे इसे ऊर्जा मिलेगी। यह 107 वां एरियन 5 वां मिशन है। कंपनी के 40 साल पूरे हो गए हैं।

 

वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पास आदित्य-एल1 उपग्रह सहित 25 उपग्रह लॉन्च करने की योजना है। आदित्य एल1 मिशन को मध्य 2020 तक लॉन्च करने की योजना है।

 

बता दें कि यह मिशन पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन को समझने तथा भविष्यवाणी करने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसरो ने पिछले साल छह लॉन्च वाहन और सात उपग्रह मिशन लॉन्च किए थे। 

 
एरियन 5 यान ने करीब 38 मिनट की उड़ान के बाद उपग्रह को उसकी कक्षा में स्थापित किया। इसरो ने ट्वीट किया, ‘जीसैट 30 एरियन 5 के ऊपरी चरण से सफलतापूर्वक अलग हो गया।’
 

GSAT-30 की ये हैं खूबियां

GSAT-30 लॉन्च होने से देश की संचार व्यवस्था और मजबूत हो जाएगी। इसकी सहायता से देश में नई इंटरनेट टेक्नोलॉजी लाई जाने की उम्मीद है। इस उपग्रह की सहायता से देश की संचार प्रणाली, टेलीविजन प्रसारण, सैटेलाइट के जरिए समाचार प्रबंधन, समाज हेतु काम आने वाली भूआकाशीय सुविधाओं, मौसम संबंधी जानकारी और भविष्यवाणी, आपदाओं की पूर्व सूचना और खोजबीन तथा रेस्क्यू ऑपरेशन में भी काफी इजाफा होगा।

 
इंटरनेट की दुनिया में क्रांति लाएगा GSAT-30

देश के पुराना संचार उपग्रह ‘इनसैट सैटेलाइट’ की उम्र अब पूरी हो रही है। देश में इंटरनेट की नई-नई टेक्नोलॉजी आ रही है। ऑप्टिकल फाइबर बिछाए जा रहे हैं। 5G तकनीक पर काम चल रहा है। इस वजह से ज्यादा ताकतवर सैटेलाइट की जरूरत थी। जीसैट-30 सैटेलाइट इन्हीं आवश्यकताओं को पूरा करेगा।

 

इस साल दस सेटलाइटें लॉन्च करेगा ISRO

वहीं, इसरो के चेयरमैन के सिवन के मुताबिक साल 2020 में ISRO लगभग 10 सैटेलाइट्स लॉन्च करने की योजना पर काम कर रहा है। आदित्य एल1 मिशन को 2020 के मध्य में लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन पर काफी तेजी से काम किया जा रहा है। यह मिशन पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन को समझने और भविष्यवाणी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

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