शिर्डी रविवार से अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेगा। यह फैसला शिर्डी के निवासियों ने लिया है। फैसले की वजह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बयान है, जिसमें उन्होंने पाथरी को साईंबाबा का जन्मस्थान बताया था। उद्धव ने कहा था कि पाथरी के साईं की जन्मभूमि के तौर पर विकास के लिए 100 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि शिर्डी साईंबाबा की कर्मभूमि थी और पाथरी जन्मभूमि।

 


शिर्डी निवासियों को इस बयान पर ऐतराज है और इसीलिए वे शिर्डी को रविवार से बंद रखेंगे। शिर्डीवासियों का कहना है कि साईंबाबा ने खुद अपने पूरे जीवनकाल में अपने जन्मस्थान का जिक्र नहीं किया। वे हमेशा खुद को सभी धर्मों को मानने वाले और अपनी जाति परवरदिगार बताते थे। साईं सत चरित्र में भी साईं के जन्मस्थान या जाति का उल्लेख नहीं है।

 


शनिवार को गांव में बैठक बुलाई गई
साईंबाबा सनातन ट्रस्ट के सदस्य भाऊसाहब वाखुरे ने कहा- साईंबाबा को लेकर फैली अफवाहों (जन्मस्थली पर बयान) के खिलाफ शिर्डी बंद का आह्वान किया गया है। शनिवार को गांव में इस मुद्दे पर एक बैठक की जाएगी। ट्रस्ट के मुताबिक, बंद का असर मंदिर में दर्शन पर नहीं पड़ेगा। श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। प्रसादालय और धर्मशाला का काम रोजाना की तरह ही चलेगा।

 

 

साईं सत चरित्र के 8वें संस्करण में आया पाथरी का उल्लेख
साईंबाबा के जीवन पर हेमदपंत दाभोलकर के लिखे साईं सत चरित्र के अब तक 36 संस्करण निकल चुके हैं। इस किताब के आठवें संस्करण में उल्लेख आया कि साईंबाबा का जन्म पाथरी में हुआ। शिर्डीवासियों का आरोप है कि पाथरी के ही सीताराम धानु और विश्वास खेर 1984-89 के दौरान शिर्डी के ट्रस्टी थे। उन्होंने गुपचुप तरीके से पाथरी का नाम साईं सत चरित्र में जुड़वाया। अब इसी के दम पर पाथरी में जन्मस्थल मंदिर विकसित करने की मांग की जा रही है।

 


शिर्डी में ग्रामसभा की बैठक में रणनीति तय होगी
शिर्डी में शनिवार को ग्रामसभा की बैठक बुलाई गई है। इसमें आगे की रणनीति पर फैसला होगा। दूसरी ओर, पाथरी में भी लोग साईंबाबा की जन्मस्थली मंदिर को विकसित करने की बात कर रहे हैं। शिर्डी के गजेटियर लेखक प्रमोद आहेर ने कहा कि साईंबाबा के माता-पिता, जन्मस्थल के संबंध में तमिलनाडु, गुजरात, येरूशेलम (इजरायल), पाथरी समेत 8 से 10 जगहों के दावे आए हैं। इतना ही नहीं साईंबाबा को लेकर कई दावे सामने आए, लेकिन कोई भी तथ्यों की कसौटी पर सही साबित नहीं हुआ।

 


साईंबाबा ने खुद का धर्म कबीर, जाति परविरदिगार बताई थी

साईंबाबा ने खुद ही कोर्ट-कमीशन के सामने साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए खुद का धर्म कबीर (सर्वपंथीय) और जाति परविरदिगार (ईश्वर-अल्लाह) बताई थी। ब्रिटिश शासन ने भी साईंबाबा के नाम, जन्मस्थली का पता लगाने की कोशिश की थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

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