नयी दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में पांच साल की बच्ची गुड़िया के साथ हुए गैंगरेप केस में कड़कड़डूमा कोर्ट शनिवार को अपना फैसला सुनाएगी। इस केस में अभी तक कुल 59 गवाहियां हो चुकी हैं। पुलिस ने आरोपी प्रदीप और मनोज के खिलाफ जान से मारने की कोशिश, गैंगरेप, किडनैपिंग, सबूत मिटाने और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।

मासूम गुड़िया के साथ जब ये दरिंदगी हुई थी तब उसकी उम्र महज पांच साल थी। गैंगरेप के बाद दोनों आरोपियों ने गुड़िया को जान से मारने की भी कोशिश की थी।

 

गैंगरेप के बाद गुड़िया को जान से मारने की हुई थी कोशिश

बता दें कि 15 अप्रैल, 2013 की शाम गुड़िया अपने गांधी नगर के घर से लापता हो गई थी। इसके दो दिन बाद 17 अप्रैल की सुबह वो घायल अवस्था में अपने घर के पास मिली थी। गुड़िया को इलाज के लिए एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने यहां उसके शरीर के अंदर से तेल की शीशी और मोमबत्ती निकाली थी। कई दिनों तक गुड़िया की हालत अस्पताल में नाजुक बनी हुई थी।

निर्भया केस के महज चार माह बाद हुई थी घटना

इस हादसे के बाद लोगों में काफी रोष देखने को मिला था। दरअसल, गुड़िया रेप केस 16 दिसंबर, 2012 को निर्भया केस के महज चार महीने बाद हुआ था। इसे लेकर दिल्ली पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे थे।

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