नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के वेबसाइट के मुताबिक, चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एक अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ सीएए से संबंधित 144 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
 
 
पुलिस ने कोर्ट के बाहर धरने पर बैठी महिलाओं और बच्चों को खदेड़ा
 
शीर्ष अदालत में विवादास्पद कानून पर सुनवाई से पहले नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के विरोध में मंगलवार रात लगभग 20 महिलाएं और उनके साथ आए बच्चे एकत्र हो विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और वहीं धरने पर बैठ गए। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने गेट पर तोड़फोड़ की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें इलाके से खदेड़ दिया।

 
सीएए के समर्थन और विरोध में याचिकाएं
 
इनमें अधिकतर याचिकाएं सीएए के खिलाफ है जबकि कुछ याचिकाएं सीएए के समर्थन में भी डाली गई है। सीएए की संवैधानिक वैधता को इंडियन यूनियन ऑफ मुस्लिम लीग, पीस पार्टी, असम गण परिषद, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, जमायत उलेमा ए हिन्द, जयराम रमेश, महुआ मोइत्रा, देव मुखर्जी, असददुद्दीन ओवेसी, तहसीन पूनावाला व केरल सरकार सहित अन्य ने चुनौती दी है। 

 
सीजेआई ने जताई थी चिंता
 
गत नौ जनवरी को चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर चिंता जताते हुए कहा था कि वह इस मामले में तभी सुनवाई करेंगे जब हिंसा रुकेगी। साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि देश कठिन दौर से गुजर रहा है। 

 
सरकार को जारी किया था नोटिस
 
मालूम हो कि गत 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर परीक्षण करने का निर्णय लेते हुए सरकार को नोटिस जारी किया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उस दिन अधिनियम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

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