अमरावती। आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियों वाले प्रस्ताव को लेकर मचे घमासान के बीच सीआईडी ने जमीन घोटाले का खुलासा किया है। सीआईडी जांच में सामने आया है कि पूर्व की टीडीपी सरकार के समय प्रस्तावित राजधानी अमरावती में सफेद कार्ड धारक (गरीबी रेखा से नीचे) करीब 797 लोगों को करोड़ों की जमीन के भूभाग का मालिक बताया गया है। सीआईडी जांच के अनुसार, 2014-2015 में अमरावती में खरीदे गए 220 करोड़ रुपये की लागत वाले प्लॉट के मालिकों की मासिक आय 5 हजार रुपये से भी कम है।

 

सीआईडी ने मामले में आगे की जांच के लिए इनकम टैक्स विभाग और ईडी को पत्र लिखा है। सीआईडी ने कहा कि कई सारे भू-खरीदारों के पास पैन कार्ड भी नहीं था और न ही इनकम टैक्स चुकाने योग्य आय थी। बता दें कि जगन मोहन सरकार ने टीडीपी नेता नारा लोकेश, पी नारायण समेत कई लोगों पर गुंटूर में इनसाइडर ट्रेडिंग में शामिल होने का आरोप लगाया था। घोटाले की जांच करने वाली सब कमिटी का कहना था कि सभी नेताओं ने मिलकर गुंटूर में 4,070 एकड़ की जमीनें इनसाइडर ट्रेडिंग के तहत पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू के दिशा-निर्देशों में यह सब किया था।

2014 में तेलंगाना के आंध्र प्रदेश से अलग होने के बाद तत्कालीन टीडीपी सरकार ने घोषणा की थी कि अमरावती आंध्र प्रदेश की नई राजधानी होगी और विजयवाड़ा से सटे क्षेत्र में 33 हजार एकड़ जमीन खरीदी गई थी। 2019 में वाईएसआर कांग्रेस की सरकार ने सत्ता में आने के बाद तीन अलग राजधानी बनाने का फैसला लिया गया। इसके तहत अमरावती में सिर्फ विधानसभा होगी जबकि सरकारी कार्यालय विशाखापट्टनम शिफ्ट किए जाएंगे।

सीआईडी की जांच में सामने आया है कि सभी 767 लोग जिन्होंने कथित रूप से 761 एकड़ जमीन खरीदी, गुंटूर क्षेत्र के निवासी हैं। जांच में इसका भी खुलासा हुआ कि सबसे अधिक संख्या में संदेहास्पद लेन-देन थुल्लूरू मंडल में हुए जहां अमरावती को राजधानी बनाने की योजना बनाई गई थी।

पुलिस ने आईटी अधिकारियों को खरीदारों की डीटेल, उनका पता, बेची गई जमीन का आकार, विक्रय विलेख और जमीन का मार्केट वैल्यू के बारे में बताया है। दूसरी ओर, ईडी अधिकारियों को इस लैंड डील मामले में मनी लॉन्डरिंग की आशंका की जांच करने को कहा गया है। सीआईडी ने टीडीपी के पूर्व मंत्री पी पुल्ला राव और पी नारायण के खिलाफ जमीन खरीदारी का मामला दर्ज किया है।

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