उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के करथिया गांव में 21 मासूमों को बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम का पुलिस ने देर रात 1 बजे खेल खत्म कर दिया। तकरीबन 11 घंटों तक कमरे में बंद बच्चे गोली और बम के धमाकों की आवाज सुन कांप उठते थे। सुभाष के खात्मे के बाद जब बच्चे अपने परिवारवालों के पास पहुंचे तो माता-पिता के साथ मासूमों की आंखें भी नम हो गईं। बच्चों की आंखों से दहशत छलक उठी। यही नहीं, मासूमों के परिवारवाले भी अपनी फिक्र को कैमरे के सामने छिपा नहीं सके। इस पूरे प्रकरण में एक और अहम जानकारी यह भी सामने आई है कि सिरफिरे सुभाष ने बड़ी मात्रा में विस्फोटक घर में छिपा रखा था।

 

सुभाष बाथम की कैद से छूटने के बाद आकाश नाम के बच्चे ने आपबीती सुनाई। आकाश ने बताया, 'उसने (सुभाष बाथम) हमें खाने को बिस्किट दिए थे। वह हमसे कह रहा था कि कुछ भी बोलना नहीं वरना मार दूंगा।' आंखों से छलकते आंसुओं के साथ आकाश बहुत ज्यादा उस स्थिति के बारे में नहीं बता सका। आकाश के पिता ने कहा, 'मेरे बेटे के साथ उसकी बहन भी थी। हम तो अहमदाबाद में थे। हमें तो कुछ पता ही नहीं चला कि क्या और क्या नहीं।'


'वह कह रहा था बंदूक से उड़ा दूंगा'
बंधक बनाए गए भानु ने बताया, 'वह (सुभाष) जन्मदिन मनाने के नाम पर हमें ले गया था। उसने हमें खाने के लिए बिस्किट दिया था। फिर उसने हमें कमरे में बंद कर दिया। उसने जन्मदिन भी नहीं मनाया। वह कह रहा था कि अगर कुछ बोलोगे तो उड़ा दूंगा। उसके पास दो बंदूकें थीं।'

 

'बड़ी मात्रा में मिला विस्फोटक'
फर्रुखाबाद एएसपी त्रिभुवन सिंह ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया, 'शुक्रवार को बम डिस्पोजल स्क्वॉड (BDS) की टीम मुरादाबाद से फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले करथिया गांव पहुंची। यहां पर टीम सुभाष बाथम के घर की छानबीन करने पहुंची। टीम को बड़ी मात्रा में सुभाष के घर से विस्फोटक बरामद हुआ है।'

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