नयी दिल्ली। पाकिस्तान इस समय संकट के दौर से गुजर रहा है। वहां मंहगाई का आलम यह है कि टमाटर 400 किलो के हिसाब से मिल रहे हैं। मगर अपने देश के हालातों की चिंता करने की बजाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत पर हमला बोल रहे हैं। उन्होंने भारत में लागू हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बयान दिया है।
 
 
इमरान खान का कहना है कि भारत में सीएए लागू होने के बाद काफी बड़ी संख्या में लोगों की नागरिकता खत्म हो जाएगी। खान भारत के आंतरिक मामलों में बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। भारत सरकार ने जब कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाया था तब भी पाक बौखला गया था और उसने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंचो पर उछाला था। लेकिन उसे हर जगह से मात मिली थी।

 
भारत के खिलाफ मदद के लिए उसने चीन से लेकर अमेरिका तक से गुहार लगाई थी। अब इमरान ने सीएए को लेकर बेतुका बयान दिया है। पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन के अनुसार, इमरान का कहना है कि सीएए के बाद नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) बनाया जाएगा और इस कार्रवाई में 50 करोड़ लोगों की नागरिकता खत्म हो जाएगी।

 
खान ने कहा, 'भारत में मोदी सरकार अल्पसंख्यकों को किनारे करके म्यांमार जैसी हिंसा के हालात पैदा कर रही है। इसी तरह की चीजें म्यांमार में हुई थीं। जहां म्यांमार सरकार ने पहले पंजीकरण का काम किया और फिर इसके जरिए मुसलमानों को अलग करके उनका संहार कर दिया। मुझे आशंका है कि भारत भी इसी तरफ बढ़ रहा है।'
 
कर्ज के जाल में फंसने पर बोले इमरान- इसका कोई आधार नहीं
 
इमरान खान से जब पूछा गया की क्या मौजूदा हालातों के बाद भारत से लोग पलायन करके पाक या बांग्लादेश आना चाहेंगे तो उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पहले से ही बांग्लादेश परेशान है क्योंकि असम में भारत ने करीब 20 लाख लोगों को गैरपंजीकृत किया है। मुझे ठीक तरह से संख्या नहीं पता है लेकिन इतने लोगों का क्या होगा।

 
इसी बीच खान ने पाकिस्तान के चीन के कर्ज के जाल में फंसने की आशंका के कारण पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना पर उठ रहे सवालों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस बात का कोई आधार नहीं है की पाकिस्तान चीन के कर्ज के जाल में फंस रहा है।

మరింత సమాచారం తెలుసుకోండి: