नयी दिल्ली। जम्मू एवं कश्मीर से पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटने के बाद 32 आतंकवादियों को मार गिराया गया है और 10 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही सुरक्षाबलों के वीरगति पाने के आंकड़ों में 73 प्रतिशत तक की कमी आई है। गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस दौरान जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 19 नागरिक मारे गए हैं।

 

उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में मौजूदा समय में 437 लोग निवारक हिरासत में हैं, जिनमें कोई भी नाबालिग शामिल नहीं है। वहीं पांच अगस्त के बाद से असमाजिक तत्वों, पथराव करने वालों और आतंकवादियों के लिए काम करने वाले ग्राउंड वर्कस को मिलाकर कुल 6,605 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

 

अर्थव्यवस्था भी लौटी पटरी पर

इससे पहले मंगलवार को गृहराज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने संसद को सूचित किया था कि अनुच्छेद 370 के हटने और जम्मू एवं कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद कश्मीर घाटी में कृषि कार्य काफी सुचारु तरीके से हो रहा है। अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बाद आर्थिक प्रभाव के बारे मे पूछे गए सवाल के जवाब में, किशन रेड्डी ने लोकसभा को सूचित किया था कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जनवरी तक 18.34 लाख मीट्रिक टन सेबों को बाहर भेजा जा चुका है।

 

जम्मू एवं कश्मीर सरकार से प्राप्त सूचना का हवाला देते हुए, किशन रेड्डी ने यह भी कहा कि 'वर्ष 2019 में रेशमकीट उत्पादन के मामले में 813 मीट्रिक टन रेशम के कोकून का उत्पादन हुआ।' उन्होंने कहा, "वित्तीय वर्ष 2019-20 के पहले तीन-चौथाई हिस्से में 688.26 करोड़ रुपये के हस्तशिल्पों को निर्यात किया गया। इसके अलावा कई पर्यटन अभियानों को भी लांच किया गया।"

 

सदन के सदस्यों को यह भी बताया गया कि 'जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने सूचित किया है कि भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान कराए गए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण से पता चलता है कि, जम्मू एवं कश्मीर में 15 वर्ष आयु समूह का कामगार-आबादी अनुपात 51 प्रतिशत है।'

 

किशन रेड्डी ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र की पूर्ण आर्थिक क्षमता का यहां आतंकवाद और अलगाववाद की वजह से बीते 70 वर्षो तक पता नहीं चल पाया था।

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