दिल्ली विधानसभा इलेक्शन 2020 के लिए चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है. वहीं चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग ने सीएम योगी को 1 फरवरी को करावल नगर में दिए उनके विवादित भाषण को लेकर नोटिस भेजा है. इस पर चुनाव आयोग ने 7 फरवरी शाम 5 बजे तक जवाब मांगा है.

 

 

चुनाव आयोग ने कहा, प्रथम दृष्टया इस तरह की टिप्पणी करके बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने 8 फरवरी के दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए लागू आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. योगी आदित्यनाथ ने यह टिप्पणी 1 फरवरी को दिल्ली में एक भाषण के दौरान की थी.

 

 


एक जनसभा के दौरान उन्होंने कहा कि आज आतंकवादियों को बिरयानी नहीं खिलाई जा रही है. बिरयानी खिलाने का शौक या तो कश्मीर के अंदर कांग्रेस को था या फिर बिरयानी खिलाने का शौक शाहीन बाग जैसी घटनाओं में केजरीवाल को है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पाकिस्तान का एक मंत्री केजरीवाल के समर्थन में अपील कर रहा है यानी उसे दिल्ली की जनता पर विश्वास नहीं है. वो अपने पाकिस्तान के आकाओं से कह कर अपने पक्ष में बयान दिलावा रहे हैं. इन चेहरों को पहचान लीजिए और ये देश की सुरक्षा के लिए घातक हैं.

 

 


मुख्यमंत्री योगी के इस बयान पर आम आदमी पार्टी ने घोर नाराजगी जताई और चुनाव आयोग से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. आम आदमी पार्टी के दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोली से नहीं माने तो गोली से तो मान जाएंगे जैसे बयान दे रहे हैं. दरअसल हार की हताशा में बीजेपी दिल्ली का माहौल बिगाड़कर चुनाव टलवाना चाहती है.


आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर योगी आदित्यनाथ के दिल्ली में चुनाव प्रचार पर तत्काल रोक के साथ ही एफआईआर दर्ज कराने की मांग की. चुनाव आयोग से समय न मिलने पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह व अन्य नेता चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर धरना देने की चेतावनी दी.

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