नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी आंदोलन के जवाब में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विक्रम सैनी ने पाकिस्तान से आए 25 हिंदू शरणार्थी परिवारों को यहां कवाल गांव में आश्रय देने का प्रस्ताव दिया है। यह गांव 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के केंद्र में था। भाजपा विधायक ने कहा कि वह मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में 25 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को गांवों में बसाएंगे और उनमें से पांच को वह आर्थिक मदद दे भी चुके हैं।

 

 

पाकिस्तान में कथित रूप से धर्म के आधार पर उत्पीड़न होने के बाद भारत आए शरणार्थियों ने शनिवार को यहां सैनी से मुलाकात की। सैनी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने उनमें से पांच परिवारों को पांच-पांच हजार रुपये दिए और उन्हें कवाल गांव में बसाने का वादा किया। 

 

 

खतौली से विधायक सैनी पर 2013 दंगों में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है। उन्होंने कहा, "मैं यह देशहित में करना चाहता हूं। इन 25 परिवारों में से सात पहले से ही मुजफ्फरनगर में रह रहे हैं। मैं पांच बीघा जमीन चाहता हूं जहां इन परिवारों को बसाया जा सके। अगर ऐसी जमीन नहीं मिली तो मैं अपनी जमीन दान कर दूंगा। हम दो कमरों के साथ शौचालय वाले घर बनाने की योजना बना रहे हैं।" लड़की को छेड़ने के एक मामले के बाद कवाल गांव में तीन युवकों की हत्या हो गई थी, जिसके बाद मुजफ्फरनगर और आस-पास के क्षेत्र में दंगा फैल गया था। दंगों में 80 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 50,000 लोग विस्थापित हो गए थे।

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