बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जेडीयू और आरजेडी के बीच पोस्टर वॉर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जेडीयू ने पूर्व सीएम लालू यादव पर फिल्मी अंदाज में एक और पोस्टर निकाला तो लालू ने पुराने गाने की धुन पर नीतीश पर वार किया. बीते चंद दिनों से पटना की दीवारों पर लालू और नीतीश के बीच का पोस्टर वॉर चर्चा का विषय बना हुआ है.

 

 


आज पटना की सड़कों पर फिल्मी स्टाइल में लालू यादव को विलेन की तरह चश्मा लगाए हुए दिखाया गया है. फिल्म का नाम है 'ठग्स ऑफ बिहार'. 'ठग्स ऑफ हिन्दुस्तान' फिल्म का नाम बदलकर 'ठग्स ऑफ बिहार' रखा गया है.

 

 


जवाब में लालू ने ट्वीट किया है. लालू ने नीतीश की तस्वीर भी ट्वीट की. जिसमें वह पण्डित दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति का अनावरण कर रहे हैं.साथ में महेश भट्ट की फिल्म 'फिर तेरी कहानी याद आई' के गाने की धुन पर गाना ट्वीट किया.

 

 

पोस्टर वार पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा, ''जो खुद विलेन ऑफ बिहार हो, वो दूसरे को कैसे ठग बता सकता है. किसी के बारे में बोलने से पहले सौ बार सोचना चाहिए. अपने गिरेबां में झांकना चाहिए जिन्होंने जनता के मतों को ठगा हो. लोकतंत्र में इससे बड़ा ठग तो कोई हो ही नहीं सकता है जिन्होंने विशेष राज्य के दर्जे पर जनता को ठगा हो. विशेष पैकेज पर जनता को ठगा हो.''

 

 


उन्होंने कहा, ''हमलोगों ने पोस्टर लगाया था, लहूलुहान है बिहार, शिकारी है सरकार. चमकी बुखार में हज़ारो बच्चे मर गए, मुज्जफरपुर बालिका गृह कांड में हज़ारों बच्चियों की अस्मत लूटी गई, नाले की पानी में राजधानी डूब गया, बिहार अपराध में न.-1 है, स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट, पूरा विकास ठप, चालीस घोटाले, हर जगह भ्रष्टाचार, राजधानी में एक दिनों में डबल मर्डर हो रहा है. जेडीयू की तीर से जनता बेहाल है.''

 

 


आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अपनी नाकामी को छुपाने के लिए इस पोस्टर से इनका काम नहीं चलने वाला है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता को 14 वर्षो में किसने ठगा, हम जिन जिन मुद्दों पर सवाल पूछ रहे हैं. क्या हुआ विशेष राज्य के दर्जे पर? क्या हुआ विशेष पैकेज पर? आखिर इन मुद्दों पर जेडीयू चुप क्यों है? तो इनको बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. इन्होंने बिहार की जनता के साथ जो धोखा दिया है, उन्हें ठगने का काम किया. अब जनता इन्हें विधानसभा चुनाव में सबक सिखाएगी.

 

 


इस मसले पर बिहार के सूचना और जनसंपर्क मंत्री ने भी बयान दिया है. उन्होंने ठग्स ऑफ बिहार के पोस्टर को जायज़ बताते हुए कहा कि "पोस्टर किसने लगाया, यह तो नहीं जानते लेकिन पोस्टर में जिस प्रकार भावना का प्रकटीकरण किया गया है, वह लालू प्रसाद के शासनकाल का सच है. ठग्स ऑफ हिंदुस्तान एक सिनेमा थी, उस सिनेमा में वृतचित्र प्रस्तुत किया गया था. अगर 1990 से लेकर 2005 तक का खौफनाक दौर देखिएगा, तो उस समय फिरौती के लिए अपहरण, टेंपो वाले के साथ क्या व्यवहार होता था. समाज के गरीब तबके को विद्यालय के बजाय चरवाहा विद्यालय भेजा जाता था. तो ये राजनीति के ठग है, उनका प्रकटीकरण हुआ है. ये जो लारा फिल्म्स के द्वारा बनाया गया, इसे आम आदमी ने झेला है.

 

 


आपको बता दें कि इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. अक्टूबर और नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद की जा रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में लालू और नीतीश ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन अब दोनों की राहें फिर से जुदा हो चुकी हैं, ऐसे में जैसे जैसे चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं दोनों में खटास भी बढ़ती जा रही हैं.

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