हैदराबाद। संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान 'कोई खुश नहीं है, हर कोई विरोध कर रहा है' पर सियासी उबाल आ गया है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने संघ प्रमुख के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि उन्हें यहीं नहीं रुकना चाहिए, उन्हें बताना चाहिए कि लोग क्यों विरोध कर रहे हैं।

 

मोहन भागवत ने शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'दुनियाभर के देश एक-दूसरे के करीब आए हैं। हालांकि इस दौरान दो विश्व युद्ध भी हो चुके हैं और तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। कहा जा रहा है कि तीसरा विश्व युद्ध तो चल रहा है, मगर दूसरे रूप में है। चारों ओर हिंसा और असंतुष्टि है।'

संग प्रमुख ने आगे कहा, 'कोई भी खुश नहीं है। हर कोई विरोध कर रहा है। मिल मालिक और मजदूर विरोध कर रहे हैं। नौकरी देने वाले और नौकरी करने वाले कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। सरकार और जनता विरोध कर रहे हैं। छात्र और शिक्षक विरोध कर रहे हैं। हर कोई नाखुश है और असंतुष्ट है।'

ओवैसी ने भागवत के इस बयान पर कहा, 'नए भारत में आपका स्वागत है। यह तो बेहद बुरा है कि बीजेपी के वैचारिक अभिभावक (संघ) ने भी इसे माना है। भागवत को बताना चाहिए कि लोग क्यों विरोध कर रहे हैं। यह विरोध 5 मिलियन टन इकॉनमी की वजह से तो नहीं ही है।'

 

अहमदाबाद में संघ के एक कार्यक्रम के दौरान दे रहे थे व्याख्यान

गुजरात के अहमदाबाद में व्याख्यान देते हुए भागवत ने कहा कि जो राजनीतिक दल सत्ता में नहीं हैं, वे भी आंदोलन कर रहे हैं। संघ प्रमुख 'वर्तमान विश्व परिदृश्य में भारत की भूमिका' विषय पर बोल रहे थे। भागवत ने कहा कि वर्तमान दौर में कट्टरता, हिंसा और आतंकवाद बढ़ रहा है। व्याख्यान का आयोजन ‘माधव स्मृति न्यास’ ने किया था। यह संगठन आरएसएस से जुड़ा हुआ है।

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