अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अहमदाबाद में रोड शो के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यहां सरदार पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट को इंदिरा ब्रिज से जोड़ने वाली सड़क पर एक दीवार बनाई गई है, ताकि उस इलाके में मौजूद झुग्गी-झोपड़ियों को ट्रंप की नजरों से बचाया जा सके। 600 मीटर लंबाई में बन रही यह दीवार पहले 7 फीट उूंची तय की गई थी, हालांकि सोशल मीडिया पर आलोचना होने के बाद यह आधी रह गई, यानी करीब साढ़े तीन फीट उूंची। अब अहमदाबाद नगर निगम ने मोटेरा स्टेडियम के पास झुग्गी में रहने वाले 45 परिवारों को अपने घर खाली कराने का नोटिस थमाया है। यह वही जगह है, जहां से कुछ दूर ट्रंप और मोदी का कार्यक्रम होगा।

 

 

 

 

एक ​इंग्लिश न्यूजपेपर की रिपोर्ट के मुताबिक, झुग्गी बस्ती में जिन लोगों को जमीन खाली करने के लिए कहा गया, उनमें करीब 200 लोग रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स थे। उन लोगों का कहना है कि जिस प्लॉट पर वो करीब दो दशकों से रह रहे हैं तो अब क्यों अपना प्लॉट छोड़कर कहीं और चले जाएं? इतनी परेशानी सिर्फ इसलिए खड़ी की जा रही है, ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति का 'नमस्ते ट्रंप' ईवेंट धूमधाम से हो सके। वहीं, इस बारे में अहमदाबाद नगर निगम कहना है उसके नोटिस का ट्रंप वाले ईवेंट से कोई लेना देना नहीं है।'

 

 

 

 

दीवार के निर्माण के बाद ही क्यों मिला नोटिस? 

झुग्गी में रहने वाले 45 परिवारों से जगह खाली कराने के मामले में अहमदाबाद नगर निगम इस बात से इनकार कर रहा है कि, इस कदम का ट्रंप के दौरे से ताल्लुक है। मगर, सवाल अभी भी यह उठ रहा है कि, सरनियावास या देव सरन झुग्गी को ढकने के लिए एक दीवार का निर्माण शुरू करने के कुछ ही दिनों बाद ये नोटिस क्यों इन लोगों को दिया गया? दरअसल, जिन लोगों को हटाया जा रहा है, वे ट्रंप के रोड शो वाले रूट के काफी नजदीक रहते हैं। ये बीते दो दशकों करीब 200 झुग्गियों में रहने वाले पंजीकृत निर्माण मजदूरों के परिवार हैं।

 

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