नयी दिल्ली। काशी महाकाल एक्सप्रेस का आधिकारिक सफर आज से शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी को चंदौली के पड़ाव से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया था। ये ट्रेन वाराणसी से इंदौर के बीच चलेगी, जो तीन ज्योतिर्लिंगों (श्रीओम्कारेश्वर, श्री महाकालेश्वर और काशी विश्वनाथ) को आपस में जोड़ेगी। वहीं यह ट्रेन उद्घाटन के बाद से काफी चर्चा में रही है।

 

आईआरसीटीसी काशी महाकाल एक्सप्रेस का शुभारंभ महाशिवरात्रि के एक दिन पहले यानी 20 फरवरी को करेगी। देश की तीसरी कारपोरेट ट्रेन कैंट रेलवे स्टेशन से दोपहर 2.45 बजे इंदौर के लिए रवाना होगी और दूसरे दिन सुबह 9.40 बजे इंदौर पहुंचाएगी। महाकाल के पहले यात्रियों को आईआरसीटीसी की ओर से आकर्षक उपहार भी दिए जाएंगे।

 
16 फरवरी को पीएम मोदी ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर इंदौर के लिए रवाना किया था। वाराणसी से इंदौर के बीच चलने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस के कोच बी5 के सीट नंबर-64 में भगवान शिव का एक मिनी मंदिर में बनाया गया था। इस मामले पर एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने इसे लेकर पीएमओ को टैग करते हुए संविधान की प्रस्तावना ट्वीट किया था।

 
वहीं इस पर आईआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया कि सीट हमेशा के लिए रिजर्व नहीं है। बड़े और अच्छे काम की शुरुआत में पूजा-पाठ किया जाता है। इसीलिए ट्रेन में भगवान शिव का मंदिर बनाया दिया था। वैसे भी ट्रेन में रविवार को किसी यात्री की बुकिंग नहीं थी।

 

तेजस की तर्ज पर चलने वाली इस ट्रेन में सफर करने को लेकर यात्रियों की पूछताछ भी अधिक हो गई है। अब तक 300 से अधिक यात्रियों ने अपनी बुकिंग कराई हैं। आधुनिक सुविधाओं से लैस तृतीय श्रेणी वातानुकूलित यह ट्रेन वाराणसी से चलकर सुल्तानपुर, कानपुर, झांसी, बीना, संतहिरदाराम भोपाल, उज्जैन होते हुए इंदौर जाएगी।
 
 
आईआरसीटीसी की वेबसाइट और एप पर टिकट की बुकिंग उपलब्ध है। सप्ताह के मंगलवार और बृहस्पतिवार को वाराणसी इंदौर वाया लखनऊ और प्रत्येक रविवार को वाराणसी इंदौर वाया प्रयागराज के रास्ते महाकाल चलेगी। 16 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ाव स्थित जनसभा से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

 

12 कोच की है महाकाल एक्सप्रेस    

वातानुकूलित तृतीय श्रेणी 12 कोच की महाकाल एक्सप्रेस में सीट उपलब्ध है। 9 कोच, 1 पेंट्रीकार और 2 एसएलआर बोगी है। एक कोच में 72 सीट है। इस तरह से देखा जाए तो 648 सीट है। आने वाले दिनों में तृतीय श्रेणी के 6 और कोच बढ़ाए जाएंगे। कुल 18 कोच लगाकर महाकाल को चलाने की योजना है। 

 
आईआरसीटीसी लखनऊ मंडल के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया कि 20 फरवरी के दिन महाकाल का कामर्शियल रन शुरू हो जाएगा। इस दिन पहले यात्रियों को आकर्षक उपहार भी दिए जाएंगे।

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