इस्‍लामाबाद। कांग्रेस नेता शत्रुघ्‍न सिन्‍हा पाकिस्‍तान पहुंचे हुए हैं। यूं तो उनका यह दौरा एक पाकिस्‍तानी कारोबारी के बेटे की शादी को लेकर बताया जा रहा है, लेकिन इस दौरान शनिवार को उन्‍होंने पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति आरिफ अल्‍वी से भी मुलाकात की। अब पाकिस्‍तान इसे अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर रहा है। उसका दावा है कि भारतीय नेता ने कश्‍मीर पर उसकी तथाकथित चिंताओं का समर्थन किया है। यह बात खुद पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के पोस्‍ट में कही गई है।

 

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ट्वीट में क्‍या कहा?

पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शत्रुघ्‍न सिन्‍हा के साथ उनकी मुलाकात की तस्‍वीरें शेयर करते हुए लिखा गया है, 'भारतीय नेता शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने राष्‍ट्रपति डॉ. आरिफ अल्‍वी से आज लाहौर में मुलाकात की। उन्‍होंने सीमा के दोनों ओर शांति के महत्‍व पर चर्चा की। शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने कश्‍मीर में पिछले 200 दिनों से भी अधिक समय से जारी लॉकडाउन की स्थिति को लेकर राष्‍ट्रपति की चिंताओं का अनुमोदन किया।'

 

शत्रुघ्‍न सिन्‍हा का लाहौर दौरा ऐसे समय में हुआ है, जबकि कश्‍मीर सहित कई मसलों को लेकर भारत-पाकिस्‍तान संबंधों में तल्खी चरम पर है। हालांकि उनका यह दौरा व्‍यक्तिगत तौर पर है, जिस दौरान उनकी यहां के कुछ नेताओं से भी मुलाकात होने की अटकलें पहले से लगाई जा रही थीं। अब जब शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति से मुलाकात की है, पाक राष्‍ट्रपति के ट्विटर हैंडल से हुए इस ट्वीट से एक नया विवाद पैदा हो गया है।

 

कांग्रेस नेताओं के पाकिस्‍तान दौरे पर विवाद

यहां उल्‍लेनीय है कि यह पहली बार नहीं है, जब पाकिस्‍तान के दौरे को लेकर कांग्रेस का कोई नेता विवादों में पड़ा हो। इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू और मण‍िशंकर अय्यर के पाकिस्‍तान दौरे को लेकर भी खूब विवाद हुआ। सिद्धू, इमरान खान से दोस्‍ती की हैसियत से निजी तौर पर प्रधानमंत्री के तौर पर उनके शपथ-ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए अगस्‍त 2018 में निजी तौर पर पाकिस्‍तान गए थे, जब पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलने को लेकर खूब हंगामा बरपा था।

 

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के हालिया पाकिस्‍तान दौरे के बाद भी सियासत गरमाई थी, जिसमें एक पैनल डिस्‍कशन के दौरान कथित तौर पर सीएए और एनआरसी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसे लेकर सरकार में भी दरार है। भारत के आंतरिक मामलों को पाकिस्‍तान में उठाने पर उनकी खूब खिंचाई हुई थी।

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