यदि आपके मोबाइल पर कोई लिंक मैसेज आता है और सॉफ्टवेयर अपडेट के लिए यह स्क्रीन शेयरिंग एप (एनी डेस्क, क्विक सपोर्ट, एयरड्रोइड, टीम व्यूअर) डाउनलोड करने को कहा जाता है तो भूलकर भी इन्हें डाउनलोड न करें। क्योंकि ये एप इंस्टॉल करते ही आपका मोबाइल रिमोट एक्सेस कर लिया जाएगा। फिर आपके मोबाइल पर आने वाले ओटीपी, यूपीआई व एटीएम-क्रेडिट कार्ड पिन आदि की जानकारी ठगों को हो जाएगी। वे चंद मिनट में आपके ई-वॉलेट व बैंक खाते को खाली कर देंगे।

 

 

 

इन चारों एप को इंस्टॉल नहीं करने के लिए बुधवार को मध्य प्रदेश सायबर पुलिस के ग्वालियर जोन द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। सोशल मीडिया पर अपील की गई है कि इस तरह के एप से सावधान रहें। सायबर अपराध का नया तरीका सायबर पुलिस ने काफी विश्लेषण के बाद पाया है कि सायबर अपराधियों ने ठगी का यह नया तरीका निकाला है। इसमें वह इन स्क्रीन शेयरिंग एप का उपयोग कर रहे हैं।

 

 

 


ठगों द्वारा लिंक मैसेज या अन्य किसी माध्यम से टारगेट को यह स्क्रीन शेयरिंग इंस्टॉल करने के लिए एप्लीकेशन भेजी जाती है। इसको इंस्टॉल करते ही आपके फोन को इन ठगों द्वारा रिमोट एक्सेस (दूर से कब्जे में) ले लिया जाता है।

 

 

 

इसके बाद आपके फोन में कुछ भी गोपनीय नहीं रहता, जो भी आपके फोन से आप करते हैं वह ठगों को दिखता है। चाहे वह क्रेडिट कार्ड, एटीएम कार्ड पिन की जानकारी हो या कोई ट्रांजेक्शन के लिए ओटीपी, सब कुछ ठगों से शेयर हो जाता है। इसके बाद उन्हें अपने 'टारगेट' का खाता खाली करने में इन्हें ज्यादा वक्त नहीं लगता है।

 

 

 

स्क्रीन शेयरिंग एप के माध्यम से ठगी

 पिछले कुछ समय में मिली शिकायतों में स्क्रीन शेयरिंग एप के माध्यम से ठगी करना पाया गया है। इसलिए आम लोगों को जागरूक करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।

 

 

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