नयी दिल्ली। यूपी पुलिस की तर्ज पर दिल्ली पुलिस भी अब उत्तर-पूर्वी जिले में हुए दंगों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही जुर्माना वसूलेगी, इसके लिए उनकी संपत्तियां भी कुर्क की जा सकती हैं। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने उच्च न्यायालय से एक क्लेम कमिश्नर की नियुक्ति करने की गुजारिश की है।

 

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के दौरान दर्जनों वाहनों व घरों को आग के हवाले किया गया जबकि तोड़फोड़ कर सरकारी सम्पतियों के अलावा निजी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। नुकसान का आकलन करने और वसूली करने के लिए चूंकि क्लेम कमिश्नर की नियुक्ति जरूरी है। लिहाजा इस दिशा में पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है।

 

हिंसा मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) और स्थानीय पुलिस को नुकसान का आकलन करने के लिए नगर निगम अधिकारियों और अन्य संबंधित के साथ समन्वय करके जानकारी इकठ्ठा करने के निर्देश दिए गए हैं। दंगाइयों की पहचान करने के लिए भी एसआईटी को लगाया गया है।

 

एसआईटी यह पता लगाने में जुटी है कि हिंसा के दौरान किन-किन लोगों ने आगजनी, लूटपाट या संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। इसकी पूरी बारीकी से जांच की जा रही है। यह जांच रिपोर्ट तकनीकी समिति के सामने रखी जाएगी जो नुकसान का आकलन करेगी। इसके बाद क्लेम कमिश्नर के निर्देश पर वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

 

पुलिस के अनुसार, अभी वास्तविक नुकसान का आकलन करने में काफी समय लगेगा, लेकिन अनुमान के अनुसार करीब दो सौ से ज्यादा सरकारी व निजी सम्पत्तियों को आगजनी व तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया गया है। माना जा रहा है कि इसमें कई करोड़ की संपत्ति नष्ट हो गई है। इसके अलावा जलाए गए वाहनों की संख्या अलग है।

 

दिल्ली फायर सर्विसेज को दंगों के दौरान 79 घरों, 52 दुकानों, पांच गोदामों, तीन कारखानों, चार मस्जिदों और दो स्कूलों को नुकसान पहुंचाने व आगजनी की सूचना दी गई थी। हालांकि जांच के दौरान इसकी संख्या में और भी इजाफा होने की आशंका है।

 

मामले की जांच में जुटी पुलिस ने हिंसा मामले में अब तक 179 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 700 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर रही है। दंगों की जांच के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा गठित दो एसआईटी उत्तर पूर्वी जिले के करीब नौ थाना क्षेत्रों में हुए दंगे के मामलों की जांच कर रही है।

 

पुलिस दर्जनों घटनास्थल का मौका-मुआयना कर चुकी है और वीडियो, फोटो और मैसेजों की जांच भी साइबर सेल की मदद से कर रही है। पुलिस ड्रोन से वीडियो रिकॉर्डिंग की जांच कर रही है, ताकि अधिक से अधिक दंगाइयों की पहचान की जा सके। एसआईटी जाफराबाद, कर्दमपुरी, करावल नगर, मौजपुर, भजनपुरा व आसपास के इलाके में रहने वाले आपराधिक रिकॉर्ड वाले संदिग्धों पर नजर बनाये हुए है। 

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