राज्य में COVID-19 के बढ़ते मामलों  देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को उन सभी को चिह्नित करना शुरू कर दिया है, जो कोरोना वायरस से पीड़ित है। सरकार ने घर में एकांत में रखे जा रहे लोगों के हाथों पर मुहर लगाने का फैसला किया है। ये मुहर इसलिए लगाई जा रही है ताकि उनकी आसानी से पहचान की जा सके और अगर वे नियमों को तोड़कर अन्य लोगों के साथ घुलते-मिलते हैं तो उन्हें पकड़ा जा सके।

 

 

 

 

मुहर लगाने का ये फैसला सोमवार शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में हुई बैठक में लिया गया। जिन लोगों को घर में एकांत में रहने की सलाह दी गई है उनके बाएं हाथ के पिछले हिस्से पर एक मुहर लगाई जाएगी। इस मुहर के लिए वोटिंग के दौरान प्रयोग होने वाली स्याही का प्रयोग होगा और इसमें एकांत में रहने की अवधि लिखी होगी।

 

 

 

 


दरअसल, कोरोना वायरस से पीड़ित कई मरीज अपने साथ दूसरों की जान से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। इसलिए अब सरकार ऐसे कोरोना संदिग्धों के हाथों पर अमिट स्याही से मोहर लगाने का विकल्प तलाश रही है।

 

 

 

 


दरअसल, हाल में ऐसी कई ख़बरें आई हैं कि कोरोना के संदिग्ध मरीज अस्पताल से भाग गए। एक मामले में  धार्मिक कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने थर्मल जांच से इंकार कर दिया। शत प्रतिशत घर में रहने वाले व्यक्ति के बाएं हाथ पर अमिट स्याही की मोहर लगाई जायेगी, ताकि वह सार्वजनिक जगहों पर जाए, तो उसकी पहचान की जा सके।

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