दोषियों की फांसी के मिनटों बाद में, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि न्याय का इंतजार "दर्दनाक" और "कष्टप्रद" था, लेकिन उन्हें आखिरकार मिल गया। 7 साल 3 महीने और 3 दिन बाद निर्भया की मां आशा देवी को अपनी बेटी के लिए इंसाफ मिल ही गया। आशा देवी का कहना है, 20 मार्च को वह निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगी। उन्होंने कहा, बेटी को बचा तो नहीं पाई, लेकिन निर्भया की मां कहलाकर गर्व महसूस कर रही हूं।

 

 

 

 


उन्होंने आगे कहा, देश के लोगों ने निर्भया के लिए लड़ाई लड़ी है। आशा देवी बोलीं कि 20 मार्च का दिन निर्भया के नाम, देश की बेटियों के नाम पर याद रखा जाएगा। लगातार हो रही देरी पर उन्होंने कहा कि देर आए दुरस्त आए। हम पिछले सात साल में निर्भया से अलग नहीं हुए हैं, हर पल हमने उसके दुख को महसूस किया।

 

 

 

 


उन्होंने कहा कि निर्भया का दुख ही हमारा संघर्ष बना और इंसाफ के लिए हमने लड़ाई लड़ी। आशा देवी ने कहा कि 20 मार्च को वह निर्भया दिवस के तौर पर मनाएंगीं। उन्होंने कहा कि वह "भारत की बेटियों के लिए" न्याय के लिए लड़ती रहेगी। उन्होंने आगे कहा, ""जानवरों" को फांसी पर लटकाए जानें के बाद, मैंने अपनी बेटी की फोटो गले लगा ली।"

 

 

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