कांग्रेस के 22 बागी विधायक, जिनके इस्तीफे के कारण मध्य प्रदेश में कमलनाथ-सरकार गिर गई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। इससे पहले आज छह मंत्रियों सहित सभी विधायकों ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे।

 

 

 

 

मध्य प्रदेश के दो प्रमुख नेता - नरेंद्र तोमर और कैलाश विजयवर्गीय भी उपस्थित थे।

 

 

 


दिग्गज कांग्रेसी नेता कमलनाथ ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया, क्योंकि 22 विधायकों ने अपने शिविर से बाहर निकल गए।

 

 

 


इससे पहले 11 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया भगवा पार्टी में शामिल हुए थे। सिंधिया पिछले 18 वर्षों से कांग्रेस से जुड़े थे। उनके परिवार का कांग्रेस पार्टी के साथ लंबे समय से संबंध है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया अपने समय में कांग्रेस के दिग्गज रहे हैं।

 

 

 

प्रेस कॉन्फ्रेस में कमलनाथ ने बीजेपी पर सरकार गिराने की साजिश करने का आरोप लगाया और कहा था कि राज्य की जनता धोखा देने वाले बागियों को माफ नहीं करेगी। कमलनाथ ने कहा था कि वह राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। प्रदेश का हर नागरिक गवाह है कि बीजेपी को मेरे द्वारा किए गए जनहितैषी काम रास नहीं आए। कार्यकाल के पहले दिन से ही भाजपा ने हमारे खिलाफ साजिश रचनी शुरू कर दी थी। कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “आप गवाह हैं कि बीजेपी के लोग कहते थे कि यह 15 दिन की सरकार है। यह सरकार चल नहीं पाएगी, लेकिन हमने काम शुरू किया। हमारे 22 विधायकों को प्रलोभन देकर कनार्टक में बंधक बनाने का कार्य किया। पूरा प्रदेश इसका गवाह है। प्रदेश की जनता के साथ धोखा करने वाले इन लोभियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी। भाजपा ने जनता के साथ धोखा किया है।”

 

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