दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह को जमानत दे दी, जिन्हें जनवरी में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार करते हुए गिरफ्तार किया गया था। ये जानकारी उनके वकील ने दी. वकील ने शुक्रवार को कह, “दिल्ली पुलिस के समय पर आरोप पत्र दायर नहीं कर पाने के कारण जम्मू-कश्मीर के निलंबित पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह को आतंकवाद के मामले में जमानत मिल गई.” उनके वकील एमएस खान ने कहा कि अदालत ने सिंह और मामले के एक अन्य आरोपी इरफान शफी मीर को जमानत दे दी. दोनों को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दायर एक मामले में अदालत द्वारा राहत दी गई है. उन्हें एक लाख रुपये के निजी बांड और इतनी ही राशि के दो मुचलकों पर यह राहत दी गयी. 

 

 

हालांकि दविंदर सिंह जमानत मिलने के बावजूद जेल में ही रहेंगे. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस बात की पुष्टि की है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कहा, “आरोपी जम्मू-कश्मीर डीएसपी दविंदर सिंह एनआईए मामले में न्यायिक हिरासत में रहेंगे. हमारे पास उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और जल्द ही उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जाएगी.” 

 

 

जम्मू कश्मीर के निलंबित पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह ने 17 जून को जमानत के लिये राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था. सिंह को इस साल की शुरूआत में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों को वाहन में ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

 


सिंह एवं मामले के अन्य आरोपी इरफान शफी मीर ने अदालत में जमानत याचिका दायर की थी. दोनों आरोपियों ने दावा किया था कि कानून के अनुसार 90 दिन की अवधि बीत जाने के बावजूद आरोप पत्र अबतक दायर नहीं किया जा सका है. सिंह के वकील एम एम खान ने जमानत याचिका में कहा कि आरोपी व्यक्तियों को जमानत दी जानी चाहिए क्योंकि 90 दिन की निर्धारित अवधि में आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है.

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