आज शाम 4:00 बजे निर्धारित राष्ट्र के संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "दुनिया भर के अन्य देशों की तुलना में, भारत COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में अभी भी बहुत स्थिर स्थिति में है। समय पर निर्णय और उपायों ने एक महान भूमिका निभाई है। हम अनलॉक-2 में प्रवेश कर रहे हैं, लोग अपना ख्याल रखें।"

 


करीब 16 मिनट चले इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने गरीबों के लिए राशन वितरण की गरीब अन्य कल्याण योजना का विस्तार करने का फैसला किया और 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने अनलॉक-2 के दौरान बढ़ती लापरवाही पर भी बात की और ऐसा करने वालों को समझाने के लिए कहा। इसके साथ ही उन्होंने देश में कोरोना की स्थिति पर भी बात की। 

 

 

प्रधानमंत्री ने कहा, एक तरह से देखें तो अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को, ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना अधिक लोगों को और यूरोपीय यूनियन की आबादी से लगभग दोगुने से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार ने मुफ्त अनाज दिया है। उन्होंने कहा, एक और बड़ी बात है जिसने दुनिया को भी हैरान किया है, आश्चर्य में डुबो दिया है। वह यह कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को तीन महीने का राशन, यानी परिवार के हर सदस्य को पांच किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया।

 


प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे यहां वर्षा ऋतु के दौरान और उसके बाद मुख्य तौर पर कृषि सेक्टर में ही ज्यादा काम होता है। अन्य सेक्टरों में थोड़ी सुस्ती रहती है। जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनने लगता है। त्योहारों का ये समय जरूरतें भी बढ़ाता है और खर्चे भी बढ़ाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक, यानी नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए।

 

प्रधानमंत्री ने कहा, बीते तीन महीनों में 20 करोड़ गरीब परिवारों के जनधन खातों में सीधे 31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं। इस दौरान नौ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं।

 

 

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