17वीं लोकसभा चुनाव के रुझानों में एक बार फिर से मोदी लहर स्पष्ट नजर आ रही है। सुबह 1:00 बजे तक 542 सीटों में से 334 सीटों पर एनडीए की बढ़त नजर आई है। अब तक 542 में से 542 सीटों पर रुझान आ चुके हैं। रुझानों से इतर आपको बतादें कि चुनाव आयोग के अनुसार भी भारतीय जनता पार्टी ने अपने बल पर 291 सीटों पर बढ़त हासिल कर ली है। जो आंकड़ा 2014 के नतीजों से भी ज्यादा है। लेकिन इस दौरान कांग्रेस और विपक्षी दलों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है 1:00 बजे तक के रुझान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए को 103 सीटें मिली है।
बात अगर 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की करें तो यह राज्य हर चरण के चुनाव में काफी चर्चे में रहा। सात चरण के हुए इस चुनाव में हर चरण में पश्चिम बंगाल से कहीं ना कहीं हिंसा की खबर सामने आती रही। भारतीय जनता पार्टी तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हर बार दंगा फैलाने और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा गुंडागर्दी करने की आरोप लगाती रही। इन सबसे परे अगर 1:00 बजे तक आ रहे रुझानों की मानें तो पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने भले ही पहले से बेहतर प्रदर्शन किया हो लेकिन अभी भी राज्य में शासित तृणमूल कांग्रेस से कहीं ना कहीं पीछे नजर आ रही है। रुझानों में तृणमूल कांग्रेस को 24 सीटें भारतीय जनता पार्टी को 20 सीट, कांग्रेस को 1 सीट मिलते दिख रहे हैं। वहीं अगर लेफ्ट की बात करें तो उनकी झोली में एक भी सीट आती नहीं नजर आ रही है।
2014 के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में बेहतर स्थिति में दिख रही है इस बात का असर कहीं ना कहीं राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी देख सकता है। 2014 में भारतीय जनता पार्टी को केवल 2 सीटें मिली थी। करीब 10 करोड़ की आबादी वाले पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को विश्वास था कि वह कम से कम 23 से 30 सीट जीतेगी। पश्चिम बंगाल की कुछ अहम सीटों की बात करें तो कोलकाता दक्षिण से तृणमूल कांग्रेस कैंडिडेट माला रॉय भारतीय जनता पार्टी के चंद्र कुमार बोस से आगे बढ़ते नजर आ रही हैं। वहीं डायमंड हार्बर से ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी बढ़त हासिल करते हुए नजर आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल के जाने-माने चेहरे और भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सांसद बाबुल सुप्रियो भी 56.68% वोट शेयर से अपने सीट आसनसोल से आगे बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं।