मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद से हर किसी को खुशी के साथ साथ डर भी समाया है। जी हां क्योंकि मोदी सरकार अपने पिछले कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले ले चुकी है जिसकी वजह से लोगों को हमेशा ही आशंका बनी रहती है। दरअसल खबरें मिल रही है कि अब लोगों को पैसे निकालने के लिए ATM तक नहीं जाना होगा, जी हां क्योंकि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिसमें मोदी सरकार भी डिजिटल पेमेंट को घर-घर तक पहुंचाने की मुहिम में जुटी है। ऐसे में इस नई पहल से लोगों को ATM की कमी नहीं खलेगी।

दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में आरबीआई को छोटे शहरों में दुकानदारों के जरिए कैश आपूर्ति की सिफारिश की है। अधिकारियों की मानें सेमी अर्बन शहरों में छोटे व्यापारियों के जरिये कैश निकासी की सुविधा शुरू की जा सकती है यानी सबकुछ ठीक रहा तो आप अपने घर के पास किराने के स्टोर्स से भी कैश निकाल पाएंगे।

अब एक नई योजना कैश इन कॅश आउट पर सरकार कर रही है, इसके जरिये लोग अपने आस पास हर किराने दुकान पर पैसे निकाल पाएंगे। इस योजना के कारण एटीएम का बोझ तो कम होगा ही इसके अलावा अगर एटीएम बंद भी होता है तो लोगो को किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी। एटीएम का रख रखाव काफी महंगा पड़ जा रहा है जिसकी वजह से ये नई योजना आ जाने से सरकार को भी राहत मिलेगी और लोगों का भी फायदा होगा।  कैश इन कैश आउट मॉडल को लागू करने के लिए तीन करोड़ PoS मशीन के रिटेल प्वाइंट की जरूरत होगी। इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में लोकल किराना व्यापारियों का अहम रोल होगा। 

यही वजह है कि अब देश के अधिकतर बैंक डेबिड और क्रेडिट कार्ड के लिए PoS मशीन पर फोकस कर रहे हैं। रिपोर्ट की माने तो नई व्यवस्था के बाद ATM प्राइमरी सोर्स जैसा ही इस्तेमाल किया जाएगा। व्यापारी कैश जमा करने और लोग जरूरत के हिसाब से कैश निकालने में एटीएम का उपयोग कर सकेंगे।

किराना दुकान से लोग जब PoS मशीन से पैसे निकालेंगे वह एक तरह ग्राहक सेवा केंद्र बन जाएगा। इतना ही नहीं इसके अलावा RBI की इस समिति ने बैंकों को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) या बैंक को लेन-देन के लिए भुगतान करने की सिफारिश की है। दरअसल ये सभी बदलाव पर जोर इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि सरकार डिजिटल पेमेंट पर फोकस करते हुए बैंकों ने पिछले एक साल में 6.4 लाख PoS मशीनें वितरित की हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर अब छोटे व्यापारी भी यह मशीन रखने लगे हैं। इतना ही नहीं इस मशीनके जरिए लोग अपने कार्ड को स्वैप कर दुकानदार से कैश ले सकेंगे। इस सुविधा को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए इसे क्यूआर कोड और आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। 


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