भारत में एक बार फिर मोदी सरकार ने जीत का परचम लहराया है, हर तरफ बस मोदी लहर दौड़ रही है और इतना ही नहीं बीजेपी ने ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल में भी काफी तगड़ी टक्कर दे हिटलर दीदी को करारा जवाब दिया है। इन दिनों राजनीती में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश जाने की अटकलें सामने आ रही है जिससे महौल काफी संजीदा लग रहा है। प्रधानमंत्री की शपथ लेने के बाद नरेंद्र मोदी पहली बार बहुपक्षीय बैठक में हिंसा लेने जा रहे है। फिलहाल सबकी नजरें 13 और 14 जून को किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक पर है।


पाकिस्तान और भारत के बीच चल रहे तनाव को मद्देनज़र रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल न करने का फैसला लिया है। दरअसल 13 और 14 जून को होने वाली शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में अब मोदी जी का विमान पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से न जाकर ओमान के रास्ते से गुजरेगा। बता दें कि 26 फरवरी को बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर खाक हो गए थे। उसके बाद पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र भारत के लिए पूरी तरह बंद कर दिया था लेकिन अब पाकिस्तान ने अपने 11 हवाई मार्गो में से दक्षिणी क्षेत्र के सिर्फ दो हवाई मार्ग खोले हैं।


Image result for sco summit bishkek


गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि 'प्रधानमंत्री ओमान, ईरान और मध्य एशिया के देशों के रास्ते बिश्केक पहुंचेंगे।' बता दें कि 13 और 14 जून को एससीओ बैठक का आयोजन है और इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी आएंगे। शंघाई सहयोग संगठन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आतंकवाद के बढ़ते खतरे से निपटने के बारे में भारत के रूख को स्पष्ट करने की उम्मीद है। मोदी के विमान को लेकर भारत ने रविवार को पाकिस्तान से मोदी के शंघाई समिट में किर्गिस्तान जाने के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोलने की अपील की थी। पाक सरकार ने भारत के अनुरोध को ‘सैद्धांतिक रूप’ से स्वीकार कर लिया था और विमान काे अपने हवाई क्षेत्र से गुजरने की इजाजत दे दी थी।


एससीओ बैठक के बारे में विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) ए गितेश सरमा ने बताया कि 'प्रधानमंत्री एससीओ बैठक से इतर चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।' उन्होंने यह भी कहा कि 'किर्गिस्तान में शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं के वैश्विक सुरक्षा स्थिति, बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग, लोगों से लोगों का संपर्क और अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय महत्व के सामयिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद हैं।' पाकिस्तान का एहसान लेने से मना करने और शांति प्रस्ताव पर कोई जवाब न देकर बहुत बड़ा झटका दिया है। दरअसल पीएम इमरान खान ने कुछ दिनों पहले पीएम मोदी को पत्र लिखकर कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर बातचीत शुरू करने का अनुरोध किया।

మరింత సమాచారం తెలుసుకోండి: