नई दिल्ली। किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन में हिस्सा लेने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को चीन और रूस के नेताओं से गर्मजोशी से मुलाकात की। बदलते वैश्विक समीकरणों के बीच भारत ने इन मुलाकातों के जरिए एक ही दिन में चीन और रूस को साधने में बड़ी कूटनीतिक कामयाबी हासिल की। इसके साथ ही पीएम मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से हाथ और नजरें दोनों न मिलाकर पड़ोसी मुल्क को आतंकवाद के मसले पर कड़ा संदेश देने की कोशिश की।
पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन और रूस के नेताओं से मुलाकातें कीं और पाकिस्तान को घेरा। पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से बातचीत में मोदी ने साफ कर दिया कि भारत सीमापार से आतंकवाद रुकने तक पाकिस्तान से वार्ता नहीं करेगा। पाक आतंक के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे। चिनफिंग ने भरोसा दिलाया कि दोनों देश एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं। 
चीन ने किया आयात में छूट का वादा 
उन्होंने भारत से आयात के लिए नियमों को सरल बनाने का वादा किया। संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए वह इस साल नई दिल्ली का दौरा करेंगे। 
रूस से बोले मोदी, अमेरिकी दबाव का असर नहीं 
इसके अलावा रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और मोदी के बीच मूल रूप से आर्थिक हालात पर चर्चा हुई। भारत ने साफ किया कि उनके रिश्तों पर अमेरिकी दबाव का असर नहीं पड़ेगा। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका ने दिल्ली और मॉस्को के बीच एयर डिफेंस सिस्टम डील पर आपत्ति की है। पुतिन ने सितंबर में ईस्टर्न इकॉनमिक फोरम की बैठक का न्योता दिया, जिसे मोदी ने स्वीकार कर लिया। 
...लेकिन इमरान से न नजरें मिलाईं, न हाथ 
बिश्केक में विदेशी नेताओं के साथ डिनर के दौरान मोदी और पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने लगभग एक वक्त पर एंट्री की, फिर भी दोनों ने न तो हाथ मिलाया और न ही नजरें मिलाईं। इससे पहले, इमरान ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मोदी बड़े जनादेश का इस्तेमाल संबंध सुधारने में करेंगे। 


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