देश में अगर किसी प्रदेश की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है तो वो है पश्चिम बंगाल जो इन दिनों सुर्खियों का हिस्सा बना हुआ है, सियासी जंग और हिंसा दोनों ही पश्चिम बंगाल में चरम सीमा पर है। ममता के राज में बंगाल के लोग ही सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे है। ममता बनर्जी हमेशा अपने विवादित फैसलों के चलते चर्चा का विषय बनती है। पूरा पश्चिम बंगाल दंगों से दहल उठा है, कभी बमबारी तो कभी हत्याओं से हड़कंप मचा हुआ है। पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद भी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है जिसके चलते बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अटकलें तेज गयी है। फिलहाल पश्चिम बंगाल के हालात सुधरने की बजाय और बिगड़ते नजर आ रहे है। बंगाल में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना का असर अब पुरे देश में देखने को मिल रहा है। सियासी लड़ाई अब सिस्टम की लड़ाई में बदलती नजर आ रही है, मेडिकल एसोसिएशन में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट को लेकर काफी आक्रोश है जिसके चलते डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं और कई डॉक्टरों ने रोष दिखाते हुए इस्तीफा भी देना शुरू कर दिया है, बंगाल में लगी इस आग की लपटें पुरे देश में सुलग गयी है। बता दें कि अभी तक कोलकाता में 16 डॉक्टरों के इस्तीफा देने की खबर सामने आयी है।


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पश्चिम बंगाल में चल रही हड़ताल का असर अब दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में दिख रहा है। दिल्ली में रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ एम्स और महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। दार्जीलिंग में नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के दो डॉक्टरों ने भी इस्तीफा दे दिया है। यह विरोध उत्तर प्रदेश के वाराणसी के अलावा पंजाब, केरल, राजस्थान, केरल, बिहार, मध्य प्रदेश में चल रहा है। सारे डॉक्टरों ने कार्य करने से मना कर दिया है जिससे पुरे देश पर एक नया खतरा मडराने लगा है। ममता बनर्जी ने इस हड़ताल पर कहा कि 'मैं हड़ताल पर गए डॉक्टरों की निंदा करती हूं। पुलिसवाले ड्‌यूटी करते हुए शहीद हो जाते हैं लेकिन पुलिस हड़ताल पर नहीं जाती।' ममता के इस बयान की सभी कड़ी निंदा की है।


ममता अब भी बीजेपी पर ही आरोप लगाते हुए कहा है कि 'बीजेपी अब डॉक्टरों को भी अपने जाल में फंसा रही है।'  आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि 'NRS अस्पताल में जो भी हुआ वह गलत था, मैंने अपने मंत्री को भी भेजा था। लेकिन डॉक्टर मान नहीं रहे हैं, इसकी वजह से मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।' बंगाल की घटना के चलते आलम यह है कि अस्पताल में होने के बजाय सारे डॉक्टर प्रदर्शन करते सड़क पर नजर आ रहे है। हालत पर काबू करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकारने कड़ी कार्रवाई करते हुए पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष निर्मल माजी ने कहा कि 'हड़ताली डॉक्टर अगर काम पर नहीं लौटे तो उनका पंजीयन रद्द हो सकता है और उनका इंटर्नशिप पूरा होने का पत्र रोक दिया जाएगा।'

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