लोकसभा चुनाव के बाद अभी 'एक देश, एक चुनाव' सुर्खियों में था कि इसी बीच मोदी सरकार का 'एक देश, एक राशन कार्ड'  मुद्दा चर्चा का विषय बना गया है। हर तरफ इस फैसले की बातें हो रही हैं और लोग इसके बारे में जानने के लिए काफी उत्सुक भी दिख रहे हैं। प्रचंड बहुमत हासिल कर मोदी सरकार अब देश में 'एक देश, एक राशन कार्ड' लाने की तैयारी में लग गयी हैं। इस बात की पुष्टि केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने की है। रामविलास पासवान ने 'एक देश, एक राशन कार्ड' के बारे में बताते हुए कहा कि 'सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है ताकि उपभोक्ताओं को देश के किसी भी हिस्से में मौजूद किसी भी राशन की दुकान से अपने हिस्से का अनाज मिले सके।' 

उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने राज्य के खाद्य सचिवों के साथ एक सम्मेलन में इस बात की जानकारी दी जिसमें भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और राज्य भंडारण निगम (एसडब्ल्यूसी) के अधिकारी भी शामिल थे। बताया जा रहा है कि 'एक देश, एक राशन कार्ड' के बारे में पासवान ने कहा कि 'पीडीएस के इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट के तहत राशन कार्डों की एक सेंट्रल रिपॉजिटरी (केंद्रीय संग्रह केंद्र) बनाई जाएगी, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर दोहरीकरण से बचा जा सके।' 

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बता दें कि इस सम्मेलन में उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के राज्य मंत्री दानवे रावसाहब दादाराव ने राशन कार्डों के डिजिटाजेशन पर काम करने के लिए राज्यों से आग्रह किया है। इस 'एक देश, एक राशन कार्ड' व्यवस्था से आप देश के किसी भी कोने में क्यों न हो आप एक ही राशन कार्ड का इस्तेमाल कर इसका लाभ उठा पाएंगे। इस नई व्यवस्था से राशन कार्ड के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े पर अंकुश लग सकेगा। मोदी सरकार ने फर्जी राशन कार्ड बनाना वालों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी है। आपको बता दें कि आधार कार्ड की तर्ज पर हर एक राशन कार्ड को एक विशिष्ट (यूनिक) पहचान नंबर दिया जाएगा जिसके चलते अब फर्जी राशनकार्ड बनाने वालों पर भी नकेल कसी जाएगी। 

सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है जिसमें एक ऑनलाइन एकीकृत (इंटेग्रेटेड) सिस्टम बनाया जाएगा और इसमें राशन कार्ड का डेटा स्टोर किया जाएगा। इस सिस्टम के चलते आगे कोई फर्जी राशन कार्ड बनाएगा तो उसका पता चल जाएगा। यह कार्यक्रम इंटीग्रेटड मैनेजमेंट आफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (आईएमपीडीएस) के नाम से जाना जाता है। आईएमपीडीएस की नई व्यस्व्था से राज्य के भीतर किसी भी जिले से उपभोक्ता अपने हिस्से का राशन किसी भी दुकान से प्राप्त कर सकता है। देश के किसी भी कोने में कोई भी व्यक्ति इस का लाभ उठा सकता है।


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