मुंबई हमले के गुनहगार आतंकी हाफिज सईद पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। बुधवार को पाकिस्तान काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) ने हाफिज और उसके 12 करीबियों के खिलाफ टेरर फंडिंग के 23 केस दर्ज किए। अधिकारियों ने बताया कि ये लोग ट्रस्ट के जरिए रकम जुटाकर इसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने में कर रहे थे। भारत की कोशिशों के बाद इस वक्त पाकिस्तान सरकार पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का वैश्विक दबाव है।



लाहौर समेत तीन शहरों में 23 केस दर्ज
काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने बताया कि जमात-उद-दावा और उसके करीबी आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पांच ट्रस्ट का इस्तेमाल करते हैं। हाफिज सईद जमात का प्रमुख है। जमात के अलावा एफआईआर में लश्कर-ए-तैयबा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) के ट्रस्ट से जुड़े नेताओं के नाम शामिल हैं। लाहौर समेत तीन अलग-अलग शहरों में 23 केस दर्ज किए गए।



सीटीडी के मुताबिक, जांच में सामने आया है कि जमात, लश्कर और एफआईएफ अपने ट्रस्ट के जरिए पैसे जुटाते हैं। इसके बाद यह रकम आतंकियों की मदद करने में लगाई जाती है। ट्रस्टों में अल-अनफाल, दावत-उल-इरशाद, अल हमद, अल मदीना और मौज बिन जबल के नाम शामिल हैं। सभी 23 केस की सुनवाई आतंकवाद निरोधी कोर्ट करेगी।



इससे पहले मार्च में पाकिस्तानी एजेंसियों ने लाहौर स्थित जमात और एफआईएफ के मुख्यालय को सील कर दिया था। इन संगठनों से जुड़े 120 संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा जा चुका है।



वैश्विक आतंकी है हाफिज सईद
आतंकी हाफिज 26/11 मुंबई अटैक का मास्टरमाइंड है। वह जमात के जरिए अपने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए पैसे जुटाता है। इसके बाद भारत में हमलों के लिए आतंकियों को ट्रेनिंग देता है। अमेरिका 2012 में हाफिज को वैश्विक आतंकी घोषित कर चुका है। उसके ऊपर 10 मिलियन डॉलर (करीब 69 करोड़ रुपए) का इनाम भी रखा है।


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