नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह 11 बजे बजट पेश करने जा रही हैं। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बजट है। इस बजट से देशवासियों को उम्मीदें कई हैं। लोग किन चीजों को सरकार की प्राथमिकता में देखना चाहते हैं और टैक्स को लेकर उनकी अपेक्षाएं क्या हैं? इकनॉमिक टाइम्स के सर्वे में ऐसे सवालों के दिलचस्प जवाब मिले हैं। जानिए आखिर वित्त मंत्री से क्या मांगता है देश... 


पहली प्राथमिकता- जॉब या जीडीपी?
 
भारत में जॉब संकट अब सभी संदेह से परे है, लेकिन सर्वे में शामिल अधिकतर लोगों का मानना है कि बजट की पहली प्राथमिकता विकास दर को तेज करने की होनी चाहिए। बजट की सबसे बड़ी प्राथमिकता क्या होनी चाहिए? इस सवाल के जवाब में 35.4% लोगों ने कहा कि सीतारमण को अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने पर फोकस करना चाहिए। वहीं, 31.5% ने रोजगार सृजन को विकास रफ्तार से अधिक महत्वपूर्ण बताया। यह भी काफी दिलचस्प है कि महज 19.4 फीसदी लोगों ने टैक्स में छूट को पहली प्राथमिकता दी। 13.40 फीसदी कृषि पर मुख्य फोकस चाहते हैं। 




कृषि: एमएसपी या कर्जमाफी 
कृषि क्षेत्र का संकट कैसे दूर हो सकता है? इसके लिए 42.8 फीसदी लोग एमएसपी को सबसे सही उपाय बता रहे हैं। सर्वे में शामिल 29 फीसदी लोग प्रति एकड़ भुगतान सिस्टम को बेहतर मानते हैं। 21 फीसदी लोगों ने कहा कि किसानों को मुफ्त पानी और बिजली की सुविधा मिले। कर्जमाफी को लेकर काफी बहस होती है, लेकिन महज 6.5 फीसदी मानते हैं कि इससे स्थिति बदलेगी। 




टैक्स: मिडिल क्लास के हाथ में अधिक पैसा
 
टैक्स में बदलाव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में 38 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा कि वे चाहते हैं कि बेसिक स्लैब को बढ़ाकर 5 लाख किया जाए। 19.90 फीसदी लोगों ने कहा कि वे 80 (C) के तहत छूट सीमा में वृद्धि चाहते हैं। 33 फीसदी चाहते हैं कि ईमानदार टैक्सपेयर्स को किसी न किसी तरीके से पुरस्कृत किया जाए। 8.90 फीसदी मानते हैं कि मौजूदा टैक्स स्लैब ठीक है और किसी बदलाव की जरूरत नहीं है। 




सुधारों के लिए हैं तैयार
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सुधारों के लिए कई कड़े कदम उठाए गए। सर्वे में शामिल अधिकतर लोग (34%) सबसे पहले डायरेक्ट टैक्स में बदलाव चाहते हैं। 25.7 फीसदी पहले भूमि सुधार चाहते हैं, जबकि करीब इतने ही (24.7%) श्रम कानून में सुधार चाहते हैं। पावर सेक्टर में सुधार प्राथमिकता में सबसे नीचे है। 


जॉब संकट कैसे दूर करें?
सर्वे में शामिल ET के पाठकों में से सर्वाधिक 40 फीसदी मानते हैं कि रोजगार की समस्या को दूर करने के लिए एजुकेशन सिस्टम में बड़े बदलाव की जरूरत है। 27.5% सर्वाधिक रोजगार सृजन करने वालों के लिए प्रोत्साहन चाहते हैं। 21.9% श्रम सुधार की वकालत कर रहे हैं। 10.6 फीसदी मुद्रा लोन जैसी और योजनाएं चाहते हैं। 


अर्थव्यवस्था को कैसे गति मिले?
इस सवाल के जवाब में 40.6 फीसदी लोगों ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में आ रही दिक्कतों को दूर किया जाए। 27.1 फीसदी इसका समाधान निजीकरण में देख रहे हैं। 17.8 फीसदी अटके प्रॉजेक्ट्स को दोबारा शुरू करने पर जोर दे रहे हैं। 

निवेशक क्या चाहते हैं? 
निवेशकों का उत्साह किस तरह बढ़ेगा? इस सवाल के जवाब में 48.8% लोगों ने कहा कि टैक्स में छूट के जरिए निवेशकों के हाथ में अधिक पैसा दिया जाए। 27.4 फीसदी चाहते हैं कि वित्त मंत्री को शेयरों पर एलटीसीजी टैक्स में कटौती करनी चाहिए या इसे पूरी तरह खत्म कर दिया जाए। 

एंजल टैक्स
यदि कोई अनलिस्टेड कंपनी फेयर मार्केट वैल्यू से ज्यादा रेट पर शेयर इशू करती है तो कंपनी को इशू के लिए फेयर मार्केट वैल्यू से जितनी ज्यादा रकम मिलती है, उसे दूसरे सोर्स से हासिल इनकम माना जाएगी और उसी हिसाब से एंजल टैक्स लगता है। इसे 'एंजल टैक्स' इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह स्टार्टअप्स में एंजल निवेश को प्रभावित करता है। 

सर्वे में शामिल 30 फीसदी लोग चाहते हैं कि इसे खत्म कर दिया जाए, जबकि 25.5 फीसदी मानते हैं कि इसे अतीतकाल से ही खत्म किया जाए। 29 फीसदी लोग अनिर्णय की स्थिति में हैं।
 
कहां हो अधिक आवंटन?
बजट में सर्वाधिक आवंटन किस क्षेत्र के लिए हो? इस सवाल के जवाब में 36.4 फीसदी ने इन्फ्रास्ट्रक्चर को चुना, जबकि 29 फीसदी ने कृषि क्षेत्र को सबसे आगे रखा। 18.7 फीसदी स्किल डिवेलपमेंट पर सर्वाधिक खर्च चाहते हैं तो 15.9 ने क्लाइमेंट को पहली प्राथमिकता पर रखा। 










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