भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाए हैं। स्वामी ने शुक्रवार सुबह ट्विटर पर लिखा, 'गोवा और कश्मीर को देखने के बाद मुझे लगता है कि अगर हम एक ही पार्टी के रूप में बीजेपी के साथ रह गए तो देश का लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा। 



'कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को सलाह देते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'विपक्ष इटालियंस और संतान को पार्टी से हटने के लिए कहे। ममता इसके बाद एकजुट कांग्रेस की अध्यक्ष बनें. एनसीपी को भी कांग्रेस में विलय करना चाहिए।'



सुब्रमण्यम स्वामी अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। उनका यह ट्वीट ऐसे समय आया है जब गोवा और कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है। असल में, गोवा विधानसभा में कांग्रेस के 15 विधायक थे। 10 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने से उसके 5 विधायक बचे हैं। वहीं कर्नाटक में कुछ विधायकों के बागी रुक अख्तियार करने लेने के बाद कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर संकट गहरा गया है। 



कर्नाटक और गोवा के घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस बीजेपी को कठघरे में खड़ा कर रही है। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने बीजेपी और उसके नेताओं पर संविधान की परवाह न करने का आरोप लगाया। 



गुलाम नबी आजाद ने कहा, ऐसा लगता है कि बीजेपी सरकार सिर्फ धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और विपक्ष को खत्म करने के लिए ही सत्ता में आई है। आजाद ने कहा कि बीजेपी का एकमात्र लक्ष्य एक राजनीतिक पार्टी है। यह कहीं से भी लोकतंत्र और संविधान के अनुरूप नहीं। 

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