भारतपाकिस्तान के बीच बन रहे करतारपुर कॉरिडोर को लेकर आज दोनों देशों के बीच वाघा में द्विपक्षीय बातचीत होगी। दूसरे दौर की इस वार्ता में यात्रियों की सुविधा, संख्या और जीरो प्वाइंट कनेक्टिविटी प्रमुख मुद्दे रहेंगे। बैठक में दोनों देश सीमा के दोनों ओर इस कॉरिडोर के लिए जारी काम का ब्योरा भी सौंपा जा सकता है। साथ ही बैठक में चर्चा होगी कि कौन-कौन से श्रद्धालु करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब जा सकेंगे, कौन-कौन से दस्तावेज आवश्यक होंगे और क्या यह वीजा मुक्त होगा। जानकारी के मुताबिक भारत की तरफ से इसका काम लगभग पूरा हो चुका है।


भारत की ओर से 60 फीसदी काम हुआ पूरा

करतारपुर कॉरिडोर पर जो पैसेंजर टर्मिनल बन रहा है। वहां 500 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। इस अत्याधुनिक टर्मिनल में एयरपोर्ट की तरह तमाम आधुनिक सुविधाएं होंगी। माना जा रहा है कि त्योहार के दिन भीड़ ज्यादा रहेगी। त्योहार में यात्रियों की संख्या 5000 तक पहुंच सकती है। ऐसे में उनके लिए खास लाउंज बनाया जा रहा है। भारत सरकार की ओर से कॉरिडोर को बनाने के लिए 30 इंजीनियर और 200 से ज्यादा मजदूर लगाए गए हैं। प्री फेब्रिकेटेड स्टील स्ट्रक्चर से पैसेंजर टर्मिनल तैयार किया रहा है। एनएचएआई रोड तैयार करने में जुटा है। भारत की तरफ से 60 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है।


करतारपुर कॉरिडोर की सड़क होगी 4 लेन

कॉरिडोर की सड़क 4 लेन की होगी, जिसमें सर्विस लेन भी होगी. सड़क के साथ ही पैसेंजर टर्मिनल पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। दोनों जगह पंजाबी संस्कृति की झलक दिखाने के लिए देश-विदेश से विशेषज्ञों की सहायता ली जा रही है। भारत के दूरदराज इलाकों से टर्मिनल तक लोगों को आसानी से पहुंचाने के लिए खास बसें चलाई जाएंगी। ये कारीडोर 4.7 किमी लंबा है।


पाक की ओर से पुल का काम अभी अधूरा

कॉरिडोर के बीच 320 मीटर का फ्लड एरिया है, जिस पर भारत की ओर से पुल बनाया जाएगा। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक भारत को 70 मीटर का पुल बनाना है, जबकि पाकिस्तान को 250 मीटर का पुल बनाना है। भारत सरकार ने अपनी ओर से पुल बनाने का काम शुरू कर दिया है। वहीं, पाकिस्तान की ओर से पुल के बजाय मिट्टी से रास्ता बनाने की बात की जा रही है। आज की बैठक में इस मसले पर भी बात हो सकती है।


हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाक

पाकिस्तान ने भारत की ओर से बनाए गए दबाव में बैठक से पहले 10 सदस्यीय पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) से एक खालिस्तान समर्थक को हटा दिया। लेकिन, पाकिस्तान इस मामले में भी हरकतों से बाज नहीं आया। अब पाकिस्तान ने पीएसजीपीसी में दूसरे खालिस्तान समर्थक को शामिल कर लिया है। बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर की गतिविधियों में पीएसजीपीसी समन्वयक की भूमिका निभाने वाली है। लिहाजा, भारत ने इसमें खालिस्तान समर्थक तत्वों को शामिल करने पर आपत्ति जताई थी।


खालिस्तानी नेता बिशेन सिंह का भाई है अमीर सिंह

पाकिस्तान ने शनिवार को पीएसजीपीसी से हटाए गए खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला की जगह कमेटी में दूसरे खालिस्तान समर्थक अमीर सिंह को शामिल कर लिया। अमीर सिंह खालिस्तानी नेता बिशेन सिंह का भाई है। अमीर सिंह खुद भी पाकिस्तान में खालिस्तानी आंदोलन का नेता है।


आज इन मतभेदों पर होगी चर्चा

भारत और पाकिस्तान गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के लिए इस कॉरिडोर को श्रदालुओं के लिए खोलने पर काम रहे हैं, लेकिन अभी भी दोनों देशों के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर और यात्रा की शर्तों पर मतभेद कायम हैं।

1. भारत चाहता है कि दर्शन के लिए कोई फीस नहीं होनी चाहिए, लेकिन पाकिस्तान दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए वीजा की तर्ज पर परमिट देगा, जिस पर फीस होगी. खास दिन में यह फीस बढ़ाई भी जा सकती है।

2. आस्था को देखते हुए भारत श्रद्धालुओं को पैदल जाने की अनुमति दिलाना चाहता है, जबकि पाकिस्तान श्रद्धालुओं को बस में लेकर जाना चाहता है।

3. भारत चाहता है कि पाकिस्तान की तरफ से जीरो लाइन पर पुल बनाना चाहिए, लेकिन पाक पुल बनाने को तैयार नहीं है।

4. भारत चाहता है कि एक या दो श्रद्धालु जाना चाहें तो जा सकें, पाकिस्तान कम से कम 15 लोगों के ग्रुप को एक साथ लेकर जाना चाहता है।

5. भारत चाहता है कि यात्रा सप्ताह के सातों दिन खुली रहे. पाक हफ्ते में कुछ दिन तय करना चाहता है।

6. भारत हर दिन 5000 श्रद्धालुओं और विशेष पर्वों पर 10,000 श्रद्धालुओं की अनुमति चाहता है, लेकिन पाक रोज सिर्फ 500 से 700 श्रद्धालुओं को अनुमति देने पर अड़ा है।

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