एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया में इंटरनेट की स्पीड दुनिया में किसी अन्य देश से सबसे तेज है। यहां करीब हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन हैं और सभी इंटरनेट से जुड़े हैं। लेकिन इसकी लत के कारण युवा मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो रहे हैं। देशभर में कई ऐसे केंद्र खोले गए हैं, जहां युवाओं को इंटरनेट की लत छुड़ाने में उनकी सहायता की जाती है। कई स्कूलों में इसके लिए स्पेशल प्रोग्राम भी शुरू किया गया है।



पिछले साल के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 1 लाख 40 हजार युवा इंटरनेट की चपेट में हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, यह संख्या और बढ़ भी सकती है। नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के अनुसार, किसी चीज का लत लगना तब होता है जब किसी व्यक्ति का उस पर नियंत्रण नहीं होता।



अक्सर इंटरनेट की लत से युवा मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार होने लगते हैं। वे चिड़चिड़े हो जाते हैं। इससे व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव होने लगता है। इसकी वजह से वे नींद और खाना खाने जैसे जरूरी कामों को भी टालने लगते हैं। बड़ी संख्या में युवा लत छुड़ाने के लिए इन कैंपों में जा रहे हैं।



कैंपों में युवा ऑनलाइन वर्ल्ड से कैसे दूरी बनाएं, इसकी तकनीक सीखते हैं। मुजु शहर के कैंप में लत छुड़ाने आईं हावों के अनुसार, 2014 से अब तक 1200 युवा इस कैंप में लत छुड़ाने आ चुके हैं। मुजु के इस कैंप में बेहत सख्त नियम हैं। यहां फोन के साथ ही कोई भी इलेक्ट्रॉनिक सामान लाने की अनुमति नहीं है।



17 साल की हावों का कहना है कि उन्हें यूट्यूब देखने की बुरी लत थी। वह 18-18 घंटे तक यूट्यूब पर समय बिताती थी। इसकी वजह से वह चिड़चिड़ी और काफी तनाव में रहने लगी थी। इससे पढ़ाई भी प्रभावित हो रही थी। इसके बाद उन्होंने कैंप जाने की योजना बनाई थी।



कैंप मैनेजर योंग-चुल शीम ने कहा- कैंप में युवाओं को कई अन्य गतिविधियां कराई जाती है। लोगों की काउंसलिंग होती है, जहां वे खुलकर अपनी समस्याओं के बारे में बात करते हैं। उन्हें इंटरनेट और सोशल मीडिया की जगह अन्य विकल्प देने की कोशिश की जाती है। साथ ही उनका हौसला बढ़ाया जाता है।

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