अमेरिका ने मुंबई (26/11) हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की पाक में गिरफ्तारी के पीछे ट्रम्प प्रशासन का बड़ा हाथ बताया है। साथ ही पाक की मंशा पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि हाफिज की पिछली गिरफ्तारियों से उसकी आतंकी गतिविधियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा था। ट्रम्प प्रशासन के एक अफसर ने शुक्रवार को रिपोर्टर्स से बातचीत के दौरान कहा, “हमने पहले भी हाफिज की गिरफ्तारी देखी है। इसलिए इस बार हम दिखावे वाली कार्रवाई की जगह ज्यादा मजबूत कदम उठाना चाहते थे।”


पाक की खुफिया एजेंसी करती है आतंकियों की मदद

अफसर से जब पूछा गया कि क्या वे आतंकी संगठनों के खिलाफ पाक की कार्रवाई पर भरोसा करते हैं तो उन्होंने कहा, “मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं, हम इतिहास को साफ तौर पर देख चुके हैं। इसे लेकर कोई भ्रम की स्थिति नहीं है कि पाकिस्तान की मिलिट्री इंटेलिजेंस सर्विस (आईएसआई) इन संगठनों (आतंकियों) की मदद करती रही है। इसलिए हम सिर्फ मजबूत कार्रवाई देखना चाहते हैं।”



2008 में मुंबई हमलों के बाद पाक ने हाफिज को हिरासत में लिया था, हालांकि बाद में उसे छोड़ दिया गया था। अंतरराष्ट्रीय दबावों की वजह से उसे अब तक करीब सात बार गिरफ्तार किया जा चुका है। इस पर अफसर ने कहा, “हाफिज को पहले भी पकड़ने के बाद छोड़ा जा चुका है। इसलिए इस बार हमारी नजर पाक सरकार के उठाए गए कदमों पर भी है। 



पाक में आतंकी संगठनों को लेकर अमेरिका चिंतित

अफसर से आईएसआई और आतंकी संगठनों के रिश्तों पर भी सवाल किए गए। इस पर उन्होंने कहा कि पहले हाफिज की जो गिरफ्तारियां हुईं उनसे कोई खास फर्क नहीं पड़ा और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठन भी आराम से चलते रहे। इसलिए अब हम गंभीरता से स्थिति पर नजर रख रहे हैं। अमेरिका इसको लेकर चिंतित है कि जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर और हक्कानी नेटवर्क जैसे संगठन पाक की जमीन से काम कर रहे हैं और पाक की खुफिया एजेंसी उनकी मदद कर रही है।

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