पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार महमूद अली दुर्रानी ने सोमवार को कहा कि 26 नवंबर, 2008 को किया गया मुंबई हमला पाकिस्तान स्थित एक आतंकी समूह ने अंजाम दिया था। दुर्रानी ने यह भी कहा कि इस हमले में पाकिस्तानी सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। मुंबई में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों द्वारा हमला किया जा सकता है। यह हमला समुद्र के रास्ते से भेजे गए नए आतंकियों के बजाय पहले से ही देश के अंदर मौजूद स्लीपर सेल द्वारा किए जा सकते हैं। एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने यह जानकारी दी। हालांकि अधिकारी ने कहा कि 26/11 मुंबई हमलावरों द्वारा इस्तेमाल किए गए समुद्री मार्ग के जैसे किसी रास्ते का इस्तेमाल समुद्र की स्थिति के कारण अगले कुछ हफ्तों के लिए अव्यावहारिक दिखाई देता है।

खतरे की संभावना को देखते हुए नौसेना ने समुद्र तट की सुरक्षा बढ़ा दी है और अलर्ट पर है। एक वरिष्ठ नौसेना अधिकारी ने कहा कि नौसेना ने अपने नेवल बेसों को सुरक्षा बढ़ाने की सलाह दी है। नौसेना का मुंबई बेस इसके पश्चिमी कमांड का मुख्यालय है। वहीं उत्तरी कर्नाटक का करवार देश का सबसे बड़ा नेवल बेस है। खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी है कि जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े स्लीपर सेल पहले ही मुंबई में सक्रिय हो चुके हैं।

इंटेलीजेंस के अनुसार, नियंत्रण रेखा के पार जैश के आतंकी शिविरों जिन्हें बालाकोट हवाई हमलों में निशाना बनाया गया था में गतिविधियां तेज हो गई हैं। वहीं इसके प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के छोटे भाई रौफ अज़हर को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भेजा गया है। इससे पहले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा कि भारत के इस फैसले से पुलवामा जैसी घटनाएं हो सकती हैं, यहां तक ​​कि भारत और पाकिस्तान के बीच एक पारंपरिक युद्ध भी शुरू हो सकता है।


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