मुंबई की तर्ज पर अब झारखंड की राजधानी रांची में भी ट्रैफिक पुलिस द्वारा डिजिटल ब्रेथ एनलाइजर का उपयोग किया जाएगा। डिजिटल ब्रेथ एनलाइजर की मदद से 30 एमएल से ज्यादा शराब पीकर वाहन चलाने वालों का पुलिस डीटीओ से मिलकर लाइसेंस रद्द कराएगी। पुलिस ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। पुलिस ने 50 डिजीटल ब्रेथ एनलाइजर खरीद ली है। सोमवार से जांच की शुरुआत की जाएगी।



ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने बताया कि छह माह पहले प्रस्ताव तैयार किया गया था। पूरे देश में रांची का दूसरा स्थान होगा, जहां पुलिस के जवान डिजीटल ब्रेथ एनलाइजर से जांच करेंगे। सोमवार से प्रतिदिन पुलिस रात दस बजे से एक बजे तक डंकन ड्राइव अभियान चलाएगी। पुलिस के द्वारा यह अभियान चलाने से सड़क हादसों में कमी आती है। अभियान से पुलिस लोगों का जान बचाने का प्रयास करती है। शहर में रात में होनी वाली अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं नशे की हालत में होती हैं। 



एक डिजिटल ब्रेथ एनलाइजर की कीमत तीस हजार रुपए है। पुलिस ने सभी पुराने ब्रेथ एनलाइजर को हटा दिया है। कुछ माह के बाद पुलिस और 50 डिजिटल ब्रेथ एनलाइजर खरीदेगी। 



पुलिस शराब के नशे में वाहन चालकों को पकड़ने के बाद डिजिटल ब्रेथ एनलाइजर को वाहन चालक के मुंह के पास रखेगी। डिवाइस में एक कैमरा भी लगा हुआ है। इसके बाद पुलिस चालक का नाम पूछेगी या फिर कुछ और बोलने के लिए कहेगी। चालक के बोलते ही डिवाइस अपना काम शुरू कर देगी। डिवाइस से पता चल जाएगा कि चालक ने कितनी शराब पी रखी है। वाहन चालक को फोटो खींचकर उसे फोटो लगा हुआ चालान दे दिया जाएगा। 



पुलिस के डंकन ड्राइव अभियान के दौरान जवान वाहन चालकों को शराब के नशे में पकड़ने के बाद उनके मुंह के भीतर पाइप डालता था। चालक के फूंक मारने के बाद शराब की मात्रा का पता चलता था। इसके बाद पाइप को फेंक दिया जाता था और चालकों से जुर्माना वसूला जाता था। 


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