भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की हालत नाजुक बनी हुई है। उन्हें कॉर्डियो-न्यूरो सेंटर के आईसीयू में रखा गया है। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि वे एक्स्ट्राकॉरपोरेल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन और इंट्रा-ऑर्टिक बलून पंप (ईसीएमओ और आईएबीपी) सपोर्ट पर हैं। डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है। रविवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को जेटली का हालचाल लेने के लिए एम्स पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान दौरे से वापस लौट आए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे भी जेटली का हाल जानने एम्स जाएंगे।



सांस लेने में तकलीफ होने के बाद जेटली 9 अगस्त को एम्स में भर्ती हुए थे। बीते दो दिनों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बसपा सुप्रीमो मायावती, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जेटली से मिलने एम्स पहुंचे।


अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक, जेटली की हालत नाजुक है। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। जेटली को ईसीएमओ (एक्स्ट्राकॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन) पर रखा गया है, जिसे एक्स्ट्रा-कॉर्पोरल लाइफ सपोर्ट के रूप में भी जाना जाता है। यह उन व्यक्तियों को लंबे समय तक हृदय और सांस लेने में मदद करता है, जिनके हृदय और फेफड़े सही ढंग से काम नहीं करते हैं।


एम्स ने 9 अगस्त के बाद से जेटली के स्वास्थ्य को लेकर कोई बुलेटिन जारी नहीं किया है। हालांकि, अस्पताल ने शुक्रवार को बताया था कि डॉक्टरों की टीम जेटली की सेहत पर नजर बनाए हुए है। जेटली का सॉफ्ट टिश्यू कैंसर का इलाज चल रहा था। वे इस बीमारी के इलाज के लिए 13 जनवरी को न्यूयॉर्क चले गए थे और फरवरी में वापस लौटे थे।


जेटली ने अमेरिका से इलाज कराकर लौटने के बाद ट्वीट किया था- घर आकर खुश हूं। इससे पहले जेटली ने अप्रैल 2018 में भी दफ्तर जाना बंद कर दिया था। इसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। यहां उनका गुर्दा प्रत्यारोपण हुआ था। इसके बाद वे अगस्त से वापस दफ्तर जाने लगे थे। हालांकि, मई 2019 में उन्होंने मोदी से कह दिया था कि नई सरकार में वे शामिल नहीं हो पाएंगे। इसके बाद मोदी उनसे मिलने घर पहुंचे थे।

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