मोटर व्हीकल संशोधन अधिनियम पास होने के बाद यातायात नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों पर नए अधिनियम के मुताबिक तगड़ा जुर्माना लगाया जा रहा है। अब गुजरात में रहने वाले लोगों को चालान से थोड़ी राहत मिली है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गुजरात में चालन की रकम को कई मामलों में आधा कर दिया है। आज ही न्यूज एजेंसी ANI की तरफ से जारी एक खबर में गुजरात के वडोदरा के एक शख्स ने ट्रैफिक चालान से बचने के लिए अपने हेलमेट पर ही जरूरी कागजात चिपका लिया था। 



गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा, 'नए ट्रैफिक नियमों के अनुसार हेलमेट नहीं पहनने पर 1000 रुपये का जुर्माना है, लेकिन गुजरात में इसे घटाकर 500 रुपये कर दिया गया है। नए नियमों के अनुसार, कार में सीट बेल्‍ट नहीं लगाने पर 1000 रुपये का जुर्माना है, जबकि गुजरात में यह 500 रुपये है। खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने पर 5000 रुपये का जुर्माना निर्धारित है, लेकिन गुजरात में यह तिपहिया वाहनों के लिए 1500, हल्‍की गाड़ियों के लिए 300 जबकि अन्‍य के लिए 5000 रुपये होगा।'



बता दें कि, मोटर व्हीकल एक्ट में हुए बदलाव सुर्खियां बटोर रहे हैं। यह पूरे देश में एक सितंबर से लागू हो गया है। हालांकि, कुछ राज्यों ने इन्हें लागू नहीं करने का फैसला किया है। देश भर से खबरें आ रही हैं कि किस तरह से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को हजारों का जुर्माना देना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा खबरें हरियाणा और ओडिशा से आई हैं। ऐसे कई राज्य हैं जहां की सरकारों ने कहा है कि वे इस कानून का अध्ययन करने के बाद ही इसे लागू करेंगी। ये राज्य हैं पंजाब, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान। जबकि गुजरात ने कहा है कि वह आरटीओ से रिपोर्ट मिलने के बाद प्रावधान लागू करेगा। हालांकि, केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सभी राज्यों को नए कानून का पालन करना ही होगा।



सरकार का कहना है कि कानून में बदलाव करने के कई फायदे हैं। इससे गाड़ियों के यातायात नियम पालन करने की इलैक्ट्रानिक तौर पर निगरानी हो सकती है। कुछ अपराधों में ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित या रद्द होने पर रिफ्रेशर ट्रेनिंग कोर्स का प्रावधान। नए अपराधों के लिए जुर्माने का प्रावधान और मौजूदा अपराधों के लिए इसे बढ़ाना। नाबालिगों के जुर्म के लिए मालिक या अभिभावक पर 25 हजार रुपये का जुर्माना और तीन साल तक की जेल का प्रावधान है।ऐसे नाबालिग को 25 साल का होने पर ही ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा। ओला और उबर को केंद्र की गाइडलाइंस माननी होंगी।


जुर्माने की रकम कई गुना बढ़ी
ऐसे कई अपराध हैं जिनके लिए जुर्माने की रकम बढ़ा दी गई है. बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर पहले पांच सौ रुपये तक जुर्माना था। यह अब 5000 रुपये होगा। ओवरस्पीडिंग के लिए पहले चार सौ रुपये तक जुर्माना था, अब यह हल्के वाहनों के लिए एक से दो हजार रुपये होगा जबकि मध्यम और भारी वाहनों के लिए दो हजार से चार हजार रुपये। खतरनाक ड्राइविंग में पहली बार पकड़े जाने पर छह महीने तक की सजा और एक हजार तक का जुर्माना होता था। इसे अब बढ़ाकर छह महीने से एक साल तक की सजा और एक हजार से पांच हजार रुपये तक का जुर्माना कर दिया गया है।



शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पहली बार पकड़े जाने पर दो हजार तक का जुर्माना या छह महीने तक सजा का प्रावधान था। इसे अब दस हजार रुपये तक का जुर्माना और छह महीने तक की सजा कर दिया गया है। प्रदूषण मुक्त न होने पर पहले एक हजार रुपये तक का जुर्माना था, जिसमें अब तीन महीने तक की सजा और दस हजार रुपये तक का जुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस रद्द करना तक शामिल हो गया है। बिना परमिट के गाड़ी चलाने पर पहले पहली बार पकड़े जाने पर दो से पांच हजार रुपये तक का जुर्माना था। अब छह महीने तक की सजा और दस हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।


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