देश के अधिकतम हिस्सों में बीजेपी की सरकार कायम है और अपनी इस पकड़ को और भी मजबूत बनाए रखने और साथ ही साथ इसका विस्तार करने के लिए महाराष्ट्र में चुनावी बिगुल बजते ही भाजपा ने यहां चुनावी अभियान शुरू कर दिया है। भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को मुंबई में कहा कि हम अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने के लिए समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। जब से अनुच्छेद 370 और 35ए अस्तित्व में आया, तब से जनसंघ और भाजपा ने इसका विरोध किया है। अनुच्छेद 370 देश के साथ कश्मीर के जुड़ाव में बाधा रहा है। साथ ही, देश की एकता में भी बाधा रहा है। अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार बंद हो जाता, इसलिए वहां के तीन परिवारों ने 370 को संभालकर रखा। अब कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां से परिवारवादी पार्टियों का सफाया होने वाला है। सरदार पटेल ने देश को एक करने का काम किया है।


उनके मुताबिक, जब मेरा कार्यक्रम तय हुआ तो, उस समय न मुझे मालूम था और न ही पार्टी को कि जब ये कार्यक्रम होगा तो महाराष्ट्र चुनाव की घोषणा के बाद होने वाला सबसे पहला कार्यक्रम होगा। ये हर्ष का विषय है कि महाराष्ट्र चुनाव का श्रीगणेश अनुच्छेद 370 को हटाने के परिचय के कार्यक्रम से हो रहा है। अमित शाह ने कहा कि पिछले दो-तीन दिन से कांग्रेस और एनसीपी वाले कहते हैं कि ये नहीं हुआ तो जीत जाएंगे, वो नहीं हुआ तो जीत जाएंगे। मैं कहना चाहता हूं कि कुछ भी हो जाए महाराष्ट्र में एनडीए की सरकार तीन चौथाई बहुमत के साथ बनाना तय है। उनके मुताबिक, महाराष्ट्र चुनाव में दो तरह की पार्टियां चुनाव के मैदान में हैं। एक ओर भारत मां को अपना सर्वस्व मानने वाली पार्टी भाजपा है और दूसरी ओर अपने परिवारों को अपना सर्वस्व मानने वाली कांग्रेस और एनसीपी है। अब महाराष्ट्र की जनता को तय करना है कि उन्हें राष्ट्रवादी पार्टी के साथ जाना है या परिवारवादी पार्टियों के साथ जाना है।


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अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि अनुच्छेद 370 एक राजनीतिक मुद्दा है। राहुल बाबा अब आप राजनीति में आ गए हैं, लेकिन भाजपा की तीन पीढ़ियों ने कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए अपनी जान दे दी है। यह हमारे लिए राजनीतिक मामला नहीं है, भारत माता को अविभाजित रखना हमारे लक्ष्य का हिस्सा है। अमित शाह के मुताबिक, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) का मुद्दा तब नहीं होता, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1947 में असामयिक युद्धविराम की घोषणा नहीं की थी, जब सेना जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी घुसपैठियों से दृढ़ता से लड़ रही थी। जैसा की बताया जा रहा है चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा का चुनावी बिगुल फूंक दिया है। दोनों ही राज्यों में मतदान 21 अक्टूबर को एक ही चरण में होगा और वोटों की गिनती 24 अक्टूबर को की जाएगी। चुनाव की घोषणा के साथ ही दोनों राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है। आयोग ने फिलहाल झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं की है। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के दोबारा सत्ता संभालने और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद यह भाजपा की पहली चुनावी परीक्षा है।

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