नयी दिल्ली। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने खूंखार आतंकी संगठन अल कायदा की ट्रेनिंग उनके ही देश में हुई थी। अमेरिकी थिंक टैंक काउिंसल ऑन फॉरन रिलेशंस में स्वीकारा उनके ही देश पाकिस्तान में सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अफगानिस्तान में लड़ने के लिए अलकायदा और अन्य आतंकवादी संगठनों को प्रशिक्षण दिया था। इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार ने 9/11 की विध्वंसक हमले के बाद उन आतंकी समूहों के प्रति अपनी नीति बदल ली, लेकिन पाकिस्तानी सेना बदलना नहीं चाहती थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी सेना को इस बात की जानकारी नहीं थी कि बिन लादेन एबटाबाद में रह रहा था।


इमरान ने अमेरिका पर तंज कसते हुए कहा कि पाकिस्तान ने 9/11 के बाद आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका के युद्ध में शामिल होकर सबसे बड़ी गलती थी। आतंक के खिलाफ अमेरिका के युद्ध में शामिल होना पाकिस्तान की सबसे बड़ी भूल थी। इमरान ने कहा कि इस लड़ाई में 70,000 पाकिस्तानी इसमें मारे गए। इसके साथ ही हमारी अर्थव्यवस्था को इससे 150 अरब तो कुछ का कहना है कि हमें इससे 200 अरब की हानि हुई। लेकिन इसके बाद भी अमेरिका ने अपनी हार का कारण पाकिस्तान को बताया। 1980 के दशक में सोवियत संघ से लड़ने के लिए जिन समूहों को प्रशिक्षित किया गया था उन्हें बाद में अमेरिका ने आतंकवादी घोषित कर दिया।


इस दौरान इमरान खान ने बालाकोट एयरस्ट्राइक को नकारने वाले पाक के पीएम इमरान खान ने कबूला की भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन चलाया था। इमरान खान ने कहा कि पुलवामा के आतंकी हमले बाद भारत से मैंने कहा था कि हमें कोई भी सबूत दीजिए, कि कोई पाकिस्तानी इस घटना से जुड़ा था। लेकिन इस बजाय भारत ने हम पर बम बरसाया। अब भारत FATF की कोशिश है कि ब्लैकलिस्ट में हमें शामिल किया जाए।


इमरान ने फिर अमेरिका के आगे जोड़े हाथ

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि भारत कश्मीर पर इस्लामाबाद से बातचीत करने से इनकार कर रहा है और उनका देश मामले को सुलझाने के लिए सबसे ताकतवर देश अमेरिका की ओर देख रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने द्विपक्षीय बैठक से पहले एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कश्मीर पर ट्रंप से उम्मीदों के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, मेरी उम्मीदें राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के प्रमुख है, और दुनिया के सबसे ताकतवर देश की एक जिम्मेदार होती है।


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