मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा मुंबई के आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने की सभी याचिकाओं को खारिज करने के बाद शुक्रवार से पेड़ काटने का सिलसिला शुरू हो गया। आरे को बचाने के लिए सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ विरोध किया जा रहा है। शुक्रवार को आरे बचाने को लेकर जमकर नारेबाजी हुई। आम जनता से लेकर राजनेता तक इस मामले में सभी के विचार अलग है। विधानसभा चुनावों से पहले गठबंधन की पार्टिया शिवसेना और बीजेपी भी इस मुद्दे पर एक दूसरे के विरुद्ध कड़ी हैं। मामले में शिवसेना के युवा नेता और पार्टी पार्टी प्रमुख आदित्य ठाकरे ने भी बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। चुनावों को लेकर भले ही राजनीतिक पार्टियों में गठबंधन तो है लेकिन पर्यावरण को लेकर आरे के पेड़ काटने के मुद्दे पर नहीं।


शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने जंगलों को काटे जाने का विरोध किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, 'केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ क्लाइमेट चेंज के अस्तित्व में आने या प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है, जब मुंबई-मेट्रो-3 के परियोजना के तहत आरे कॉलोनी के आसपास के क्षेत्र को नष्ट किया जा रहा है. अहंकार की इस लड़ाई में इको सिस्टम को तबाह किया जा रहा है.


मिनिस्ट्री ऑफ क्लाइमेट चेंज के अस्तित्व पर उठाए सवाल

आदित्य ठाकरे ने एक अन्य ट्वीट में लिखा मुंबई मेट्रो-3 के नाम पर पेड़ों को धूर्तता से काटा जा रहा है, वह शर्मनाक और गलत है। यह कैसा रहेगा अगर इन अधिकारियों की नियुक्ति पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कर दी जाए और वे पेड़ों की जगह आतंकी शिविरों को तबाह करें।


मुंबई को हवा और वन्यजीवों को होगा नुकसान

आदित्य ठाकरे ने कहा कि एक प्रोजेक्ट को गर्व के साथ अंजाम देना चाहिए। लेकिन मेट्रो-3 का प्रोजेक्ट रात के अंधेरे में शर्मिंदगी के साथ और भारी पुलिस सुरक्षा में हो रहा है। एक प्रोजेक्ट जो मुंबई की हवा खत्म करेगा, एक जंगल तबाह करेगा, तेंदुआ और कई बिल्लियों की बड़ी प्रजातियों को नुकसान पहुंचाएगा।


शिवसेना जहां आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटान पर ऐतराज जता रही है, वहीं बीजेपी इसे विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण मेट्रो प्रोजेक्ट बता रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी साफ कह चुके हैं कि मुंबई के आरे में मेट्रो कार शेड हर हाल में बनना है। इसके लिए आरे के जंगलों के 2700 पेड़ काटे जा सकते हैं, क्योंकि यह वन क्षेत्र नहीं है।


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