नयी दिल्ली। भारतीय वायुसेना को मिले 280 किलोमीटर की रफ्तार और 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता वाले हमलावर अपाचे हेलीकॉप्टर के बाद अब लड़ाकू विमान राफेल ने पाकिस्तान के होश उड़ा दिए हैं। फ्रांस में जिस वक्त रक्षामंत्री राजनाथ सिंह राफेल को रिसीव करने में जुटे थे, दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा चीन में जम्मू-कश्मीर के मसले पर दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव का हवाला देकर मदद मांगने में जुटे थे। सेना प्रमुख बाजवा चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(पीएलए) के शीर्ष अफसरों से मंगलवार को मिले। जनरल बाजवा ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए मुख्यालय) पहुंचकर कमांडर आर्मी जनरल और केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के शीर्ष अफसर से भी भेंट की।


खास बात रही कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख बाजवा और इमरान दोनों अलग-अलग समय पर बीजिंग पहुंचे। पहले बाजवा पहुंचे और उसके बाद मंगलवार को इमरान खान बीजिंग पहुंचे। सूत्र बता रहे हैं कि यूं ही नहीं एक साल में तीसरी बार इमरान खान चीन दौरे पर पहुंचे हैं।



दरअसल, हाल में जिस तरह से भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया और इसकी पाकिस्तान में तीखी प्रतिक्रिया हुई, वहीं दोनों देशों के रिश्ते तल्ख होने से तनाव भी बढ़ गया है। इस बीच भारत की सैन्य क्षमताओं में लगातार इजाफा हो रहा है। मिसाल के तौर पर भारत ने तीन सितंबर को जहां अमेरिका से कुल 22 में से आठ अपाचे हेलिकॉप्टर लिए, वहीं आठ अक्टूबर को वायुसेना दिवस पर फ्रांस से पहला राफेल भी हासिल कर लिया। इससे पाकिस्तान सुरक्षा को लेकर आशंकित हुआ है।



सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी एयरफोर्स ने भी इमरान खान को इत्तला कर दिया कि युद्ध की स्थिति में अपने अत्याधुनिक हथियारों के दम पर भारत भारी पड़ सकता है।



यही वजह रही कि जहां भारत से राजनाथ सिंह राफेल लेने फ्रांस पहुंचे, वहीं राफेल की रिसीविंग से एक दिन पहले ही पाक के सेना प्रमुख बाजवा मदद मांगने बीजिंग पहुंच गए। सूत्र बता रहे हैं कि बीजिंग दौरे पर पहुंचे इमरान खान और पाक सेना प्रमुख बाजवा भारत से तनाव और कश्मीर के मसले पर चीन के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत में जुटे हैं।



सूत्रों का कहना है कि इमरान खान के बीजिंग दौरे की अहमियत इसलिए और भी ज्यादा है, क्योंकि यह चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग के भारत दौरे से ठीक पहले हुआ है।


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