हैदराबाद। तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर हाईकोर्ट में गंभीर बहस हुई। आरटीसी की हड़ताल को लेकर दायर याचिकाओं पर शुक्रवार को दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई। बहस के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार पर सवालों की बौछार कर दी।


कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि आरटीसी एमडी को अब तक क्यों नहीं नियुक्त किया गया है? यदि एमडी को नियुक्त किया जाता तो कर्मचारियों को थोड़ी बहुत राहत मिल जाती। सुनवाई के दौरान सरकार ने आरटीसी की हालत पर रिपोर्ट सौंपी। मगर कोर्ट ने सरकार के रवैये पर सवालों की बौछार कर दी।


सरकार ने कोर्ट को बताया कि आरटीसी प्रभारी के रूप वरिष्ठ अधिकारी हैं। कोर्ट ने सरकार के जवाब पर असंतोष व्यक्त किया। साथ ही सवाल किया कि यदि अब जो अधिकारी समर्थ हैं तो एमडी को क्यों नहीं नियुक्त किया है ?


हाईकोर्ट ने कहा, "प्रजा बलवान होती है। यदि प्रजा बगावत पर उतरे तो उसे कोई रोक नहीं पाएंगे।" कोर्ट ने आगे कहा, "दो सप्ताह से आरटीसी की हड़ताल जारी है। सरकार हड़ताल को क्यों नहीं रोक पाई ? आरटीसी कर्मचारी संगठनों के साथ चर्चा क्यों नहीं की है ? कल (शनिवरा) के आरटीसी कर्मचारियों की तेलंगाना बंद पर सरकार का क्या रवैया है ? इस पर सरकार ने कोर्ट को बताया कि आरटीसी कर्मचारी शांतिपूर्वक बंद करें तो कोई आपत्ति नहीं है।


साथ ही यह भी बताया, "इस समय आरटीसी कर्ज के दलदल में फंसी हुई है। तेलंगाना गठन के बाद से कर्मचारियों के वेतन में 67 फीसदी बढ़ोत्तरी की गई है। कर्मचारियों के साथ चर्चा करने के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के साथ कमेटी गठित की गई। मगर चर्चा के दौरान ही कर्मचारी हड़ताल पर चले गये। कर्मचारियों की समस्याओं का निवारण के लिए सरकार तैयार है। कर्मचारियों ने आरटीसी को काफी नुकसान पहुंचाया है। सरकार के सुधार कार्यक्रमों को कर्मचारी कदम कदम पर रोक रहे हैं।"


हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि कल सुबह 10.30 बजे आरटीसी कर्मचारियों के साथ चर्चा शुरू करें। तीन दिन के भीतर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान निकाला जाये। पूरी रिपोर्ट 28 अक्टूबर को कोर्ट को सौंपे।


दूसरी ओर कर्मचारियों की संगठनों हाईकोर्ट के निर्देश/आदेश पर संतोष व्यक्त किया। नेताओं ने कहा कि कोर्ट ने सरकार जो निर्देश दिया है, उसका पालन करना चाहिए। हम चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि शनिवार को तेलंगाना में बंद मनाया जाएगा। क्योंकि बंद को सभी राजनीतिक दलो, संगठनों और अन्य राज्य के परिवहन निमग कर्मचारी संगठनों ने समर्थन दिया है।


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