असम की बीजेपी सरकार ने जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने तय किया है कि दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी। इस फैसले को बीजेपी एतिहासिक बता रही तो वहीं विपक्ष का कहना है कि इस तरह के फैसलों से पहले विपक्ष से भी सलाह मशविरा कर लेना चाहिए। यह नियम जनवरी 2021 से लागू होगा। कैबिनेट ने इस पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। वहीं मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवॉल के ऑफिस की ओर से फैसले के संबंध में ट्विट कर जानकारी दे दी गई है। इस फैसले की देशभर में चर्चा है। कोई इसे सही तो कोई गलत बता रहा है। वहीं कुछ लोग मिली-जुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस मुद्दे पर आज तक न्यूज चैनल के लाइव डिबेट कार्यक्रम ‘हल्ला बोल’ में बीजेपी मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा और एंकर अंजना ओम कश्यप के बीच जमकर वाद-विवाद हुआ। इस दौरान एंकर ने मंत्री से पूछ लिया कि क्या यह नियम सिर्फ सरकारी कर्मचारियों और आम नागरिकों पर ही लागू होगा या नेताओं पर भी? तो हेमंत बिस्वा शर्मा ने इस पर सफाई दी।


दरअसल हेमंत बिस्वा इस नियम से जुड़े तमाम पहलूओं को डिबेट के दौरान एंकर के सामने रख रहे थे। उन्होंने बताया कि यह नियम 1 जनवरी 2021 से लागू होगा। जो भी शख्स 2 से ज्यादा बच्चे पैदा करेगा वह सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं होगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि किसी के दो बच्चे जुड़वा पैदा होते हैं तो उन्हें दो बच्चे के रूप में ही गिना जाएगा न कि एक। इस दौरान तमाम पहलूओं के गिनाते बीजेपी मंत्री को बीच में टोकते हुए एंकर ने एकाएक सवाल किया किया कि सर ये भी बता दीजिए कि ये नियम नेताओं और मंत्रियों पर लागू होगा या नहीं? एंकर के इस सवाल पर हेमंत बिस्वा ने तुरंत जवाब दिया। उन्होंने कहा ‘हम पंचायत बॉडी और अर्बन लोकल बॉडी में यह कर चुके हैं। नेताओं को इसके दायरे में लाने के लिए असम विधानसभा में भी इसे पास किया जा चुका है और संसद में इसे भेजा गया और कहा गया है कि यह नियम सांसद और विधायकों पर भी लागू हो।’


बीजेपी नेता के इस जवाब पर एंकर कहती हैं ‘सर इसे सीरियसली फॉलो कीजिएगा। क्योंकि सारा रोल मॉडल बनने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकारी कर्मचारियों पर ही नहीं बल्कि नेताओं पर भी होनी चाहिए। मेरा मानना है कि नेताओं, विधायकों सांसदों और सभी मंत्रियों के लिए भी यही नियम होना चाहिए।


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