29 सितंबर रविवार को नवरात्र आरंभ होंगे और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन माता कैलाश से धरती पर अपने मायके आएंगी। वहीं माता का आगमन कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है और माता का आगमन जहां भक्तों में धार्मिक उत्साह और आनंद लेकर आता है वहीं भविष्य में होने वाली कई घटनाओं का संकेत भी देता है। ऐसे में यही वजह है कि प्राचीन काल से मां दुर्गा आगमन और विदाई को ज्योतिषशास्त्र में महत्वपूर्ण माना जाता रहा है और माता जिस वाहन से आती हैं और जिस वाहन से जाती हैं उससे पता चल जाता है कि आने वाला एक साल देश दुनिया और आपके लिए कैसा रहने वाला है।


ऐसे में इस बार माता का वाहन गज यानी हाथी है। जी हाँ, माता के इस वाहन पर आने का मतलब है कि यह वर्ष वर्षा के लिहाज से अच्छा रहने वाला है और देश के कई भागों में अच्छी वर्षा होगी। वहीं इससे कृषि क्षेत्र में उन्नति होगी और किसानों की आय बढ़ेगी, लेकिन जान-माल का नुकसान भी होगा। वहीं इस बार राजनीतिक क्षेत्र में उथल-पुथल की स्थिति रहेगी और युद्ध के हालात बनेंगे। आपको बता दें कि बीते साल भी माता का आगमन हाथी पर हुआ था। शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे। गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता..


देवीभाग्वत पुराण के इस श्लोक में बताया गया है कि ''माता का वाहन क्या होगा यह दिन के अनुसार तय होता है। अगर नवरात्र का आरंभ सोमवार या रविवार को हो रहा है तो माता का आगमन हाथी पर होगा। शनिवार और मंगलवार को माता का आगमन होने पर उनका वाहन घोड़ा होता है। गुरुवार और शुक्रवार को आगमन होने पर माता डोली में आती हैं जबकि बुधवार को नवरात्र का आरंभ होने पर माता का वहन नाव होता है। इस वर्ष रविवार को नवरात्र का आरंभ हो रहा है। इसी दिन कलश स्थापना किया जाएगा इसलिए माता का वाहन हाथी है।''


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