दीपावली के खत्म होते के साथ छठ पर्व की रौनक हर जगह देखी जा रही है। नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरूआत हो चुकी है। ऐसे तो ये पर्व यूपी और बिहार के लोग सबसे ज्यादा मनाते हैं पर देश के हर कोने में इस पर्व की धूम अब देखी जाती है। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि यूपी और बिहार के लोग हर जगह हर कोने में है और उनकी परंपरा जिंदा है आज भी। सूर्य देवता को समर्पित ये पर्व बहुत की कठिन माना जाता है। छठ पर्व के दौरान व्रतियों को पानी में खड़े होकर एक बार शाम में और एक बार सुबह सूर्य देवता को अर्घ्य देना होता है। अर्घ्य कैसा हो उसमें क्या क्या मिला हो ये राशि के हिसाब से अलग-अलग है, आईये आपको इसके बारे में बताते हैं।



राशि के अनुसार दें अर्घ्य
अगर राशियों के हिसाब से बात की जाए तो हर राशि को अपने अर्घ्य के जल में क्या मिलाना चाहिए ये आप जानिए। मेष राशि वालों को अपने अर्घ्य में गाय के घी की पांच बूंद मिलानी चाहिए। वहीं वृषभ राशि वालों को अर्घ्य के जल में गाय का कच्चा दूध मिलाना चाहिए इससे सूर्य देवता प्रसन्न होंगे। वहीं मिथुन राशि वालों को अपने अर्घ्य के जल में सफेद उड़द (साबुत) मिलानी चाहिए। कर्क राशि वाले अर्घ्य के जल में एक रूपये का सिक्का डालें। सिंह राशि वाले गेहूं के 9 दाने अर्घ्य के जल में मिला सकते हैं। कन्या राशि वालों को अपने अर्घ्य के जल में हरी इलाइची का बीज डालना चाहिए इससे सूर्य देवता खुश होते हैं।



तुला राशि वालों को अपने अर्घ्य के जल में शहद की 10 बूंदे डालनी चाहिए। वृश्चिक राशि वालों को अर्घ्य के जल में लाल कुमकुम मिलाना चाहिए। वहीं धनु राशि वालों के लिए अर्घ्य के जल में चुटकी भर हल्दी डालना शुभ माना गया है। मकर राशि वाले सरसों का तेल अर्घ्य के जल में मिला सकते हैं। कुंभ राशि वाले अंकुरित चने को जल में मिला कर अर्घ्य दे सकते हैं। मीन राशि के लोगों को काली उड़द अर्घ्य के जल में मिलानी चाहिए।
छठ पूजा के लिए घाट का विकल्प देखा जाए तो इसमें आप किसी नदी में जाकर सूर्य देवता को अर्घ्य दे सकते हैं। घर के आंगन में भी आप घाट बनवा सकते हैं। कहा जाता है कि छठ पर्व की शुरूआत महाभारत के काल में ही हो गई थी। ये पर्व महाभारत के काल से अभी तक चला आ रहा है।

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