हमारे देश में ज्योतिष शास्त्र का काफी महत्व है। लोग इस शास्त्र में विदित बातों का अनुसरण भी करते हैं। अगर ज्योतिष शास्त्र का अध्ययन किया जाए तो मालूम होता है कि इसमें 12 राशियां होती हैं। जब सूर्य देवता का प्रवेश इन्ही राशियों में से एक वृश्चिक में होता है तो उस दिन को वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है। इस बार ये तिथि रविवार 17 नवंबर को पड़ रही है। अगर वृश्चिक संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की उपासना की जाए तो ये बहुत मंगलकारी सिद्ध होता है। कहा जाता है कि भगवान सूर्य हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं और वो जिस राशि में प्रवेश करते हैं उस राशि के लोगों के जीवन पर अलग प्रभाव भी पड़ता है। वहीं किसी भी शुभ कार्य के पहले भगवान सूर्य को जरूर याद किया जाता है। वृश्चिक संक्रांति के दिन भगवान सूर्य को जरूर अर्घ्य देना चाहिए इससे वो प्रसन्न होते हैं। आइए अब आपको बताते हैं कि आखिर इस दिन अर्घ्य देने के लिए और पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त कब है



कब है पूजा का शुभ मुहूर्त ?
वृश्चिक संक्रांति के शुभ मुहूर्त की बात करें तो इसकी शुरुवात रविवार 17 नवम्बर सुबह 6 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 7 मिनट तक है। वहीं अगर पुण्य महाकाल की बात की जाय तो वे सुबह 6 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 32 मिनट तक है। अगर इस दौरान आप सूर्य देवता की पूजा करें तो आप सूर्य देवता को प्रसन्न कर सकते हैं।

 

क्या है वृश्चिक संक्रांति ?
जब सूर्य का किसी भी राशि में प्रवेश होता है तो उसे संक्रांति कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर सूर्य देवता मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है। जब सूर्य देवता धनु राशि में आ जाते हैं तब उस दिन या घड़ी को धनु संक्रांति कहा जाता है। ऐसे में सूर्य देवता जब वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं तब उस दिन को वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है। सूर्य देवता का विभिन्न राशियों पर प्रवेश बहुत लाभकारी और विनाशाकरी दोनों होता है। अभी सूर्य देवता वृश्चिक राशि में आने से पहले तुला राशि में थे। 16 नवंबर की रात उनका प्रवेश तुला से वृश्चिक में हुआ है। जब रात में सूर्य देवता राशि बदलते हैं तो उसे राक्षशी संक्रांति भी कहते हैं।



इन राशि वालों के लिए है खुशखबरी
इन 4 राशियों के लिए वृश्चिक संक्रांति बहुत शुभ है। राशियों के नाम है वृष, वृश्चिक, मकर, मीन। इन 4 राशियों के लोगों का आत्मविश्वास इस दिन खूब बढ़ेगा। वहीं व्यापार में भी खासी बढ़ोतरी होगी। अगर सूर्य देवता की कृपा रही तो इन राशि के जातकों को शुभ समाचार भी मिल सकता है।

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