24 घंटे में 30 मुहूर्त होते हैं। इसमें 48 मिनट का मुहूर्त बदलते रहता है। लोग मुहूर्त को देखकर ही अपने काम भी तय करते हैं। जो 48 मिनट का मुहूर्त होता है उसमें ब्रम्ह मुहूर्त की शुरुवात 4 बजकर 24 मिनट पर होती है जोकि 5 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होता है। ये तो रही ब्रम्ह मुहूर्त के बारे में एक जानकारी। अब आपको बताते हैं कि आखिर ब्रम्ह मुहूर्त में उठने के क्या फायदे होते हैं।

 

 

ब्रम्ह मुहूर्त में उठने के फायदे
अगर आप इस दौरान उठते हैं। यानि 4:24 से लेकर 5:12 मिनट पर तो ये अच्छा होता है। इसमें ये जरूरी नहीं है कि आप ब्रम्ह मुहूर्त की शुरुवात में ही उठे। आप इस 48 मिनट के बीच में कभी भी उठ सकते हैं। आप इस मुहूर्त में उठकर मंत्र जाप कर सकते हैं। भगवान को याद कर सकते हैं। बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि ईश्वर का वास इंसान के शरीर के अंदर भी होता है। और सुबह के वक्त वो अपने लोक से इंसान के शरीर में आते हैं। भगवान इस वक्त जागृत अवस्था में रहते हैं। ऐसे में ये वक्त बहुत ही बढ़िया होता है।

 

अगर इंसान ब्रम्ह मुहूर्त में जाग जाए तो उसके अंदर ऊर्जा भरी हुई रहती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके अंदर ऊर्जा का चक्र दोबारा शुरू होता है। ईश्वर उसे शुरू करते हैं। वो इसका नियंत्रण भी रखते हैं। जो ये समय होता है इस वक्त आपके शरीर के अंग काम करना शुरू करते हैं। ऐसे में इस वक्त आपको सिर्फ जल ग्रहण करना चाहिए। कुछ खाने से परहेज करना चाहिए। आपने देखा होगा कि अगर आप 4 से साढ़े 5 बजे के बीच उठे हैं तो आपको सुबह-सुबह 6 से 7 बजे के बीच भूख लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप जल्दी उठे हैं। लेकिन अगर आप लेट से उठेंगे तो आपके साथ ऐसा नहीं होगा। क्योंकि आपके अंदर उस समय देर से ऊर्जा संचालित होती है।

 

 

एक और बात जो आपको बहुत ध्यान रखनी है वो ये है कि जब आप ब्रम्ह मुहूर्त में उठे और अगर आप कहीं टहलने गए तो आपको कभी भी टहल के वापस आकर सोना नहीं चाहिए। जब तक सूर्य उदय नहीं हो जाए। इसके पीछे भी कारण है। क्योंकि इस वक्त आपके शरीर का ब्रम्हारन्द सक्रिय होता है। सूर्य देवता अपनी ऊर्जा ब्रम्हांड में भेजते हैं। ये सकारात्मक ऊर्जा लेनी बहुत जरूरी होती है किसी भी मनुष्य के लिए। अगर आप इस वक्त सो रहे होंगे तो आपके साथ ये नहीं होगा।

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