अमावस्या वैसे तो प्रत्येक महीने में आती है और हर अमावस्या का अपना ही महत्व होता है। कुछ अमावस्या ज्यादा महत्व वाली होती है उनमें से एक है फाल्गुन अमावस। जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि हम फाल्गुन माह में आने वाली अमावस्या के बारे मे बात कर रहे है। फाल्गुन अमावस्या फाल्गुन माह में पड़ने वाली महाशिवरात्रि के बाद आती है। इस वर्ष 21 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व काफी हर्षोल्लास और भक्ति-भाव से मनाया गया। इस बार फाल्गुन अमावस 23 फरवरी को यानी रविवार को है।

 

फाल्गुन अमावस्या का महत्व
धर्म-शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन माह में पड़ने वाली फाल्गुन अमावस का महत्व कुछ ज्यादा होता है। यह अमावस्या खासकर पितरों की शांति के लिए होती है। कहा गया है कि अगर इस दिन श्राद्ध कर्म किये जाए तो इसका बहुत अधिक महत्व होता है।

 


धर्म-शास्त्रों के अनुसार यह दिन पवित्र नदियों में स्नान के लिए भी बहुत शुभ है। फाल्गुन अमावस्या के दिन देवता संगम के तट पर आते है और इस दिन संगम तट पर डुबकी लगाने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि आप प्रयागराज जाकर संगम में डुबकी नही लगा पा रहे है तो भी कोई बात नही, आप अपने आस-पास किसी भी पवित्र नदी में स्नान करके भी पुण्य कमा सकते है। पुराणों में भी यह बतलाया गया है कि फाल्गुन अमावस के दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है।

 

शुभ मुहूर्त
फाल्गुन अमावस्या का शुभ मुहूर्त 22 फरवरी शाम 7:04:19 से शुरू होकर 23 फरवरी रात 9:03:12 पर खत्म होगा।


 
क्या करना चाहिए फाल्गुन अमावस्या के दिन
हमने पहले भी आपको बताया है कि इस दिन स्नान-ध्यान का काफी महत्व है, अगर आप पवित्र नदियों में स्नान करना आपके लिए सम्भव ना हो तो घर मे नहाने के लिए पानी मे थोड़ा सा गंगाजल मिला लीजिए। इस दिन दान-पुण्य का भी बहुत महत्व होता है और दान-पुण्य करने से पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है। अगर आप किसी आर्थिक परेशानी से जूझ रहे तो इस दिन भगवान भोलेनाथ को खीर का भोग लगाइए। ऐसा करने से आप आर्थिक समस्या से शीघ्र उबर जाएंगे। वसे तो माता-पिता और अपने बुजर्गो की हमेशा ही सेवा करनी चाहिए लेकिन इस फाल्गुन अमावस के दिन माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा जरूर करे। फाल्गुन अमावस के दिन जितनी संभव हो गरीबों की मदद करनी चाहिए।

 


फाल्गुन अमावस्या के दिन क्या करने से बचे
फाल्गुन अमावस्या का दिन बहुत शुभ होता है इसलिए इस दिन कुछ भी ऐसा कार्य करने से बचे जिसे इस शुभ दिन करने को वर्जित माना गया है। किसी का भी तिरस्कार ना करे और किसी का उपहास भी ना उड़ाए। मांस, मदिरा से सम्बंधित चीजों का सेवन इस दिन बिलकुल भी ना करे। इस दिन गुस्सा करने से भी बचना चाहिए और गुस्सा वैसे भी सेहत के लिए खतरनाक होता है।

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