आज नवरात्रि की षष्ठी तिथि हैं और आज के दिन माँ दुर्गा के छठे रूप माँ कात्‍यायनी की पूजा की जाती हैं। माँ कात्‍यायनी की पूजा से विवाह में आ रही बाधा दूर होती हैं और भगवान बृहस्‍पति प्रसन्‍न होकर विवाह का जल्द ही योग बनाते हैं। यह भी कहा जाता है कि यदि सच्‍चे मन से माँ की पूजा की जाए तो वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। पौराणिक कथाओ के मुताबिक माँ कात्यायनी की उपासना से भक्‍त को अपने आप आज्ञा चक्र जाग्रति की सिद्धियां मिल जाती हैं और साथ ही वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है।
माँ कात्यायनी को लेकर ऐसी मान्यता हैं कि महर्षि कात्‍यायन की तपस्‍या से प्रसन्‍न होकर आदिशक्ति ने उनकी पुत्री के रूप में जन्‍म लिया था, इसलिए उन्‍हें कात्‍यायनी कहा जाता है। माँ कात्‍यायनी को ब्रज की अधिष्‍ठात्री देवी माना जाता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक गोपियों ने श्रीकृष्‍ण को पति रूप में पाने के लिए यमुना नदी के तट पर माँ कात्‍यायनी की पूजा-आराधना की थी। ऐसा कहा जाता हैं कि माँ कात्‍यायनी ने ही अत्‍याचारी राक्षस महिषाषुर का वध कर तीनों लोकों को उसके आतंक से मुक्त कराया था।



नवरात्री के किसी भी दिन चुपचाप यहाँ रखें एक हल्दी का टुकड़ा
इस उपाय को करने के लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठे, नित्य क्रिया करने के पश्चात स्नान कर ले। स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद आप अपने घर के पूजा मंदिर में एक पीले कपड़े पर माँ दुर्गा के फोटो को अर्पित करते हुये एक दिया शुद्ध घी का दीपक जलाए, दीपक जलाने से पहले आप लाल रंग केर वस्त्र धारण करे, यदि आपके पास लाल रंग के कपड़े नहीं हैं तो आप अपने सिर के ऊपर एक लाल रंग का कपड़ा बांध ले क्योंकि माँ कात्‍यायनी को लाल रंग बहुत पसंद हैं।


माँ के सामने दीपक जलाने से जीवन के सभी अंधकार दूर होता हैं, शुद्ध घी का दीपक जलाने के बाद अपने दायें हाथ में एक हल्दी का टुकड़ा रख ले और फिर माँ की पूजा-आराधना करे। पूजा करते समय ‘चन्द्रहासोज्जलकरा शार्दूलवाहना| कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी||’ मंत्र का जाप कम से कम 11 बार करे, मंत्र का जाप करते समय आपको कोई बीच में ना टोके और मंत्र का उच्चारण सही से करे।



यह मंत्र माँ कात्‍यायनी का मंत्र हैं, मंत्र जाप के बाद आपने जो हल्दी का टुकड़ा अपने दाहिने हाथ में रखा हैं, उसे माँ कात्‍यायनी के चरणों में अर्पित कर दे, इसके बाद माँ की आरती करे। अब इस हल्दी के टुकड़े को किसी पीले कपड़े में बांध करके अपने घर के मंदिर में ही रख दे, मंदिर में नहीं हैं तो आप किसी शुभ स्थान पर इसे रख दे।


जब आपका विवाह हो जाए या फिर विवाह में आ रही बाधा दूर हो जाए तो इस हल्दी के टुकड़े को किसी पवित्र नदी में बहा दे। इस उपाय को करने से विवाह में आ रही बाधा दूर होती हैं, यदि अच्छे रिश्ते नहीं मिलते हैं तो वो भी मिलते हैं। माँ कात्‍यायनी की उपासना से रोग, शोक, संताप और भय नष्‍ट हो जाते हैं।

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